एक लेटेस्ट रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में ग्रोथ-पीई स्टेज की कंपनियों में इस साल के पहले दो महीनों में प्राइवेट इक्विटी-वेंचर कैपिटल (पीई-वीसी) निवेश करीब 1.1 बिलियन डॉलर तक पहुंच गया है. रिसर्च फर्म वेंचर इंटेलिजेंस के आंकड़ों से मालूम चला है कि वर्ष 2024 की इसी अवधि के दौरान 594 मिलियन डॉलर के मुकाबले यह एक शानदार वृद्धि है.
रिपोर्ट के मुताबिक, स्थापित स्टार्टअप और बड़े समूहों द्वारा बनाई गई कंपनियों में प्राइवेट इक्विटी और वेंचर कैपिटल निवेश बढ़ा है. ये कंपनियाँ विकास के लिए इन निवेशकों से पैसा ले रही हैं. ग्रोथ-पीई सेगमेंट में कंपनियों में 20 मिलियन डॉलर से अधिक के सीड टू सीरीज डी निवेश शामिल हैं. एक दूसरी रिपोर्ट के मुताबिक, जनवरी में भारत में स्टार्टअप्स के लिए वेंचर कैपिटल (VC) फंडिंग लैंडस्केप सालाना आधार पर 69.7% बढ़कर मूल्य के हिसाब से 883.2 मिलियन डॉलर हो गया.
स्टार्टअप्स के लिए डील वॉल्यूम भी जनवरी 2024 में 93 से बढ़कर इस साल जनवरी में 131 हो गया, यह जानकारी एक प्रमुख डेटा और एनालिटिक्स कंपनी ग्लोबलडेटा ने दी. एक विश्लेषण से यह भी पता चला कि जनवरी 2025 के दौरान वैश्विक स्तर पर घोषित कुल वीसी डील में भारत की हिस्सेदारी 9.9% थी, जबकि वैल्यू के हिसाब से देश की हिस्सेदारी 3.6% थी.
ग्लोबलडेटा के प्रमुख विश्लेषक ऑरोज्योति बोस ने कहा कि यह वृद्धि दर्शाती है कि भारत के स्टार्टअप न केवल अधिक संख्या में वीसी डील आकर्षित कर रहे हैं, बल्कि बड़ी मात्रा में पूंजी भी हासिल कर रहे हैं, जो बाजार में निवेशकों के बेहतर विश्वास को दर्शाता है.
इसके अलावा, डील वॉल्यूम और वैल्यू दोनों के मामले में भारत वीसी फंडिंग एक्टिविटी के लिए वैश्विक स्तर पर शीर्ष पांच बाजारों में बना हुआ है. आईबीईएफ के आंकड़ों के मुताबिक, जनवरी से नवंबर 2024 तक भारत में वेंचर कैपिटल एक्टिविटी 888 सौदों के माध्यम से 16.77 बिलियन अमेरिकी डॉलर तक बढ़ गई है, जो 2023 की इसी अवधि की तुलना में मूल्य में 14.1% की मजबूत वृद्धि और सौदों की संख्या में 21.8% की वृद्धि को दर्शाती है.