केंद्रीय इस्पात एवं भारी उद्योग मंत्री एचडी कुमारस्वामी ने देश में उच्च मूल्य वाले ‘विशेष इस्पात’ के उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए PLI योजना के दूसरे राउंड की शुरुआत की. इस इस्पात का उपयोग रेफ्रिजरेटर, बिजली उपकरण और ऑटोमोबाइल जैसे उत्पादों के निर्माण में किया जाता है. कुमारस्वामी ने कहा, इस्पात मंत्रालय ने पांच प्रोडक्ट कैटेगरी के लिए ‘विशेष इस्पात’ के लिए पीएलआई योजना 1.1 शुरू की है, जो मौजूदा पीएलआई योजना के समान है, जिससे उद्योग के प्रतिभागियों द्वारा मंत्रालय से छूट के अनुरोध के बाद आगे की भागीदारी को सक्षम बनाया जा सके.
केंद्रीय मंत्री द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक, ‘पीएलआई योजना 1.1’ इस महीने 6-31 जनवरी 2025 तक खुली रहेगी. उन्होंने उम्मीद जताई कि उद्योग ‘ब्रांड इंडिया’ को मजबूत करने, आयात को कम करने और भारत को वैश्विक इस्पात पावरहाउस के रूप में स्थापित करने के लिए सक्रिय रूप से भाग लेगा. केंद्रीय मंत्री ने कहा, ‘विशेष इस्पात’ के लिए पीएलआई योजना में किए गए बदलाव घरेलू उत्पादन को मजबूत करने, इनोवेशन को बढ़ावा देने और आयात को कम करने के लिए सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाते हैं.
Union Minister of Steel and Heavy Industries, Shri @hd_kumaraswamy launched the Production Linked Incentive Scheme 1.1 in the presence of Secretary of Steel Shri @SandeepPoundrik and representatives of steel industry. @SteelMinIndia @ANI @DDNewsHindi @MIB_India @PTI_News pic.twitter.com/PV8VFGj18g
— PIB Steel Ministry (@PibSteel) January 6, 2025
इस्पात मंत्रालय के सचिव संदीप पौंड्रिक ने कहा कि पीएलआई योजना 1.1 को वित्त वर्ष 2025-26 से वित्त वर्ष 2029-30 की उत्पादन अवधि के दौरान लागू किया जाएगा. उन्होंने बताया, पिछले दौर में 8 सब-कैटेगरी में कोई प्रतिभागी नहीं था और उम्मीद है कि इस बार व्यापक भागीदारी होगी. पीएलआई योजना 1.1 मौजूदा पीएलआई योजना की तरह ही पांच प्रोडक्ट कैटेगरी- कोटेड/प्लेटेड स्टील प्रोडक्ट, हाई स्ट्रेंथ/वियर रेजिस्टेंट स्टील, स्पेशिएलिटी रेल्स, अलॉय स्टील प्रोडक्ट एंड स्टील वायर्स और इलेक्ट्रिकल स्टील को कवर करती है.
पीएलआई LI नियमों में बदलाव
यह मूल रूप से इस योजना के लिए आवंटित निधियों, यानी 6,322 करोड़ रुपये के भीतर संचालित होगी. उद्योग की प्रतिक्रिया के आधार पर PLI नियमों में बदलाव किए गए हैं. सभी कंपनियों को नई मिलें लगाने की आवश्यकता नहीं होगी. ‘विशेष इस्पात’ के लिए उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन योजना के पहले राउंड को इस्पात मंत्रालय ने 29 जुलाई, 2021 को 6,322 करोड़ रुपये के बजटीय परिव्यय के साथ अधिसूचित किया था.
–आईएएनएस