केंद्र सरकार ने 26 राफेल-मरीन जेट के लिए 64,000 करोड़ रुपये के मेगा सौदे को दी मंजूरी

Shivam
Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली सुरक्षा मामलों की कैबिनेट समिति ने फ्रांस के साथ 26 राफेल-मरीन लड़ाकू विमानों की सीधी खरीद के लिए लगभग 64,000 करोड़ रुपये (6.6 बिलियन यूरो) के बड़े सौदे को मंजूरी दे दी है. ये विमान स्वदेशी विमानवाहक पोत आईएनएस विक्रांत के डेक से संचालित होंगे. सूत्रों ने बताया कि 22 एकल सीट वाले राफेल-एम जेट और चार डबल सीट वाले ट्रेनर प्लेन के लिए सरकार से सरकार के बीच समझौते पर अगले कुछ दिनों में हस्ताक्षर हो जाएंगे. इसमें हथियार, सिमुलेटर, चालक दल की ट्रेनिंग और पांच साल का प्रदर्शन आधारित लॉजिस्टिक सपोर्ट शामिल है.

कब होगी डिलीवरी ?

इस डील में सितंबर 2016 में किए गए 59,000 करोड़ रुपये के कॉन्ट्रैक्ट के तहत भारतीय वायुसेना में पहले से शामिल किए गए 36 राफेल के लिए अपग्रेड, उपकरण और पुर्जे भी शामिल हैं. नौसेना के लिए ‘स्पेसिफिक इनहेंसमेंट’ के साथ 26 राफेल-एम लड़ाकू विमानों को कॉन्ट्रैक्ट पर साइन करने के 37 से 65 महीनों में डिलिवर किया जाएगा. एक सूत्र ने कहा कि नया अंतर-सरकारी समझौता भारतीय वायुसेना के सौदे में किए गए समझौते जैसा ही है. सभी 26 जेट 2030-31 तक वितरित किए जाने हैं.
सूत्रों ने बताया कि राजनाथ सिंह की अगुवाई वाली रक्षा अधिग्रहण परिषद (डीएसी) ने पिछले साल सितंबर में सौदे में चार ‘संशोधनों’ को मंजूरी दी थी. इसमें डीआरडीओ द्वारा फ्रांसीसी फाइटर प्लेन के साथ विकसित किए जा रहे एईएसए (एडवांस्ड इलेक्ट्रॉनिक रूप से स्कैन की गई सरणी) रडार के प्रस्तावित इंटीग्रेशन को छोड़ना शामिल था. यह बहुत महंगा और समय लगने वाला’ साबित होता.

फ्रांस के साथ एक और बड़ा सौदा

फ्रांस के साथ एक और बड़ा सौदा, 33,500 करोड़ रुपये का सौदा, तीन अतिरिक्त डीजल-इलेक्ट्रिक स्कॉर्पीन पनडुब्बियों के लिए है. इनका निर्माण मझगांव डॉक्स (एमडीएल) की तरफ से फ्रांसीसी मेसर्स नेवल ग्रुप के सहयोग से किया जाएगा. इसे भी अब अंतिम रूप दिया जा रहा है, जैसा कि टाइम्स ऑफ इंडिया ने पहले बताया था.
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