डॉयचे बैंक इंडिया और इमर्जिंग एशिया के सीईओ (CEO) ने भारत की आर्थिक संभावनाओं को लेकर बड़ा बयान दिया. उन्होंने कहा, भारत के पास 7-8 प्रतिशत या इससे भी अधिक वृद्धि हासिल करने की क्षमता है. उनका मानना है कि भारत की प्रगति केवल विस्तार तक सीमित नहीं होनी चाहिए, बल्कि यह समावेशी वृद्धि पर आधारित होनी चाहिए, जिसमें प्रति व्यक्ति आय और संरचनात्मक बदलावों के माध्यम से सतत और समान्य समृद्धि बढ़े.
डॉयचे बैंक के CEO के अनुसार, “भारत के लिए 2030 तक 7 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनना और इस दौरान प्रति व्यक्ति आय को करीब $4,500 तक पहुंचाना कोई कठिन कार्य नहीं है.” हालांकि, उन्होंने यह भी बताया कि निवेशक भारत में उच्च मूल्यांकन को लेकर सतर्क हैं, जो अन्य बाजारों की तुलना में अधिक हैं.
इसके बावजूद, भारत एक आकर्षक निवेश गंतव्य बना हुआ है. उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि भारत को विदेशी निवेशकों, चाहे वे FDI, FPI, या FII हों, के लिए निवेश को और आसान बनाना चाहिए. इसके लिए और अधिक नियामक सुधार और आर्थिक प्रोत्साहन की आवश्यकता है, ताकि निवेशक का विश्वास बढ़ सके और लंबी अवधि के निवेश प्रवाह को सुनिश्चित किया जा सके.