सशस्त्र बलों के लिए रक्षा उपकरणों में आत्मनिर्भरता की दिशा में भारत के प्रयासों का नतीजा सामने आया है. पिछले दशक में रक्षा उत्पादन में दो अंकों की वृद्धि हुई है, जो वित्त वर्ष 2015 के 46,429 करोड़ रुपये से दोगुने से भी अधिक है. मनीकंट्रोल के विश्लेषण से पता चलता है कि महामारी के बाद विकास की गति और तेज हो गई है, क्योंकि देश ने 2029 तक 3 लाख करोड़ रुपये के रक्षा उत्पादन का लक्ष्य रखा है.
2023-24 में रक्षा उत्पादन 1.27 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गया था. सरकार को उम्मीद है कि इस वित्त वर्ष में यह 1.6 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच जाएगा. 2019-20 और 2023-24 के बीच रक्षा उत्पादन 12% की चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर से बढ़ा, जबकि सरकार के पहले कार्यकाल में 11.2% की वृद्धि देखी गई थी.