सरकारी बुनियादी ढांचे (इन्फ्रास्ट्रक्चर) पर बढ़ते निवेश के चलते निर्माण उपकरण उद्योग ने पिछले तीन वर्षों में सबसे अधिक बिक्री दर्ज की है. इसके साथ ही, अप्रैल-दिसंबर 2024 की अवधि में उद्योग का निर्यात भी रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया. इंडियन कंस्ट्रक्शन इक्विपमेंट मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन के ताजा आंकड़ों के मुताबिक, चालू वित्त वर्ष के पहले नौ महीनों में 98,970 इकाइयों की बिक्री हुई, जो अप्रैल-दिसंबर 2023 की 94,685 इकाइयों की तुलना में 5 प्रतिशत अधिक और अप्रैल-दिसंबर 2022 की 73,795 इकाइयों की तुलना में 34 प्रतिशत अधिक है.
निर्यात में जबरदस्त उछाल
सिर्फ घरेलू बिक्री ही नहीं, बल्कि निर्यात में भी उद्योग ने पिछले तीन वर्षों का उच्चतम स्तर छू लिया. अप्रैल-दिसंबर 2024 में 9,733 यूनिट्स का निर्यात हुआ, जो 2023 में 9,181 यूनिट्स और 2022 में 5,700 यूनिट्स था. तिमाही आंकड़ों के अनुसार, Q3FY25 (अक्टूबर-दिसंबर 2024) में भी बिक्री और निर्यात दोनों में जबरदस्त उछाल देखा गया. इस दौरान घरेलू बाजार में 35,835 यूनिट्स की बिक्री हुई, जो Q3FY24 में 33,135 और Q3FY23 में 25,565 यूनिट्स थी.
निर्यात भी बढ़कर 3,547 यूनिट्स तक पहुंच गया, जो Q3FY24 में 3,452 और Q3FY23 में 2,252 यूनिट्स था. इससे पहले, Q2FY25 में घरेलू बिक्री 27,382 यूनिट्स और निर्यात 3,304 यूनिट्स था, जबकि Q1FY25 में घरेलू बिक्री 26,020 यूनिट्स और निर्यात 2,882 यूनिट्स रहा.
बढ़ोतरी के पीछे मुख्य कारण
ICEMA के मुताबिक, उद्योग की इस मजबूती के पीछे कई अहम कारण हैं—
- चुनाव के बाद सरकार द्वारा बुनियादी ढांचे के विकास पर निरंतर जोर.
- मानसून समाप्त होने के बाद निर्माण गतिविधियों में तेजी.
- जनवरी 2025 से लागू होने वाले CEV V उत्सर्जन मानकों से पहले की खरीदारी.
- नए प्रकार के आधुनिक निर्माण उपकरणों की बाजार में एंट्री.
ICEMA के अध्यक्ष और कैटरपिलर इंडिया के एमडी वी. विवेकानंद ने कहा, “हाल ही में पेश किए गए बजट में इन्फ्रास्ट्रक्चर पर खर्च को प्राथमिकता दी गई है, जिससे आने वाले महीनों में निर्माण उपकरणों की मांग और अधिक बढ़ने की संभावना है.”