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EV Charging On Road: सड़क पर चलते-चलते चार्ज होंगे वाहन, इस राज्य में शुरू होने जा रही यह व्यवस्था!

Shivam
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Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)
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EV Charging On Road: लोग इलेक्ट्रिक गाड़ी लेने से इसलिए कतराते हैं, क्योंकि इसमें चार्जिंग का झंझट रहता है और उन्हें डर रहता है कि रास्ते में उन्हें कहीं चार्जिंग स्टेशन मिलेगा भी या नहीं, लेकिन अगर आपसे कहा जाए कि घर पर चार्ज किए बगैर ही आपकी गाड़ी दिन-रात सड़क पर दौड़ेगी तो आप यकीन नहीं करेंगे. लेकिन जनाब ये बात अब पूरी तरह से हकीकत बनने जा रही है और केरल इस सपने को हकीकत में बदलने वाला देश का पहला राज्य बनने जा रहा है.

राज्‍य सरकार द्वारा बनाई गई यह योजना अगर सिरे चढी तो आप घर पर चार्ज किए बगैर भी अपने इलेक्ट्रिक वाहन को सड़क पर दिन-रात दौड़ा पाएंगे. सड़क पर दौड़ते समय वाहन खुद ही चार्ज हो जाएगी. ऐसा होगा वायरेलस ईवी चार्जिंग व्‍यवस्‍था शुरू होने से. बिजनेस स्‍टैंडर्ड की एक रिपोर्ट के मुताबिक, केरल सरकार अगले वित्त वर्ष में वायरलेस ईवी चार्जिंग व्यवस्था शुरू करने जा रही है, जिसमें वाहन चलते-चलते चार्ज होते रहेंगे.

इसके लिए सड़क को विशेष तरीके से ही बनाया जाएगा. सड़क की सतह के नीचे तांबे की कॉइल होगी. इसेसे ईवी चार्ज होते रहेंगे. केरल में बिजली विभाग के अपर मुख्य सचिव केआर ज्योतिलाल का कहना है कि यह बिल्कुल ऐसा होगा, जैसे आप ईवी के बजाय सड़क को चार्ज कर रहे हैं. उन्‍होंने कहा, इस योजना का परीक्षण जल्‍द शुरू करने की कोशिश सरकार की है.

कैसे चार्ज होंगे वाहन?
फिएट, सिट्रों, क्राइसलर और प्यूजो जैसे वाहन ब्रांडों की मूल कंपनी स्टेलैंटिस इटली के कियारी में पहले ही डायनमिक वायरलेस पावर ट्रांसफर (डीडब्ल्यूपीटी) तकनीक दिखा चुकी है. इसमें इजरायल की कंपनी इलेक्ट्रेऑन वायरलेस की वायरलेस प्रौद्योगिकी का इस्‍तेमाल किया गया. दुनिया में कुछ कंपनियों के पास ही यह तकनीक है. इलेक्ट्रेऑन की प्रेजेंटेशन में समझाया गया है कि आखिर सड़क के नीचे लगी काइल से ईवी कैसे बिना किसी तार से कनेक्‍ट हुए चार्ज होंगे.

सबसे पहले सड़क के नीचे और ऊपर एक ढांचा बनाया जाता है. सड़क के उपर के ढांचे को ग्राउंड मैनेजमेंट यूनिट (एएमयू) कहते हैं. यह एएमयू ग्रिड से बिजली लेकर सड़क के नीचे मौजूद चार्जिंग ढांचे को देती है. ढांचे में मौजूद तांबे की कॉइल इसे वाहनों में लगे रिसीवर तक पहुंचा देती है. रिसीवर से बिजली सीधे इंजन में चली जाती है. दुनिया के दूसरे हिस्सों में ऐसी तकनीक छोटी-छोटी दूरी के लिए आजमाई गई है. वायरलेस ईवी चार्जिंग में कॉन्टिनेंटल एजी, दाइहेन कॉरपोरेशन, डेलाशॉक्स ग्रुप, एलिक्स वायरलेस, हेवो और इंडक्ट ईवी प्रमुख कंपनियां हैं.

केरल में हैं सबसे ज्‍यादा दोपहिया 
जेएम फाइनैंशियल की रिपोर्ट की मानें तो जनवरी से सितंबर, 2023 तक भारत में ईवी विशेषकर ई-दोपहिया की सबसे अधिक पैठ केरल में ही दिखी. केरल में कुल दोपहिया में करीब 12.2 फीसदी ईवी हैं. महाराष्ट्र में 9.5 फीसदी, कर्नाटक में 10.6 फीसदी और तमिलनाडु में 5.2 फीसदी ई-दोपहिया हैं.

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