केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव (Ashwini Vaishnav) ने कहा है कि भारत में इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण पिछले छह वर्षों में पांच गुना बढ़ा है, जिसका कुल मूल्य 11 लाख करोड़ रुपये को पार कर गया है. मंत्री ने कहा, पिछले दशक में इलेक्ट्रॉनिक निर्यात में भी 6 गुना वृद्धि हुई है और अब यह 3.25 लाख करोड़ रुपये से अधिक हो गया है. शुक्रवार (18 अप्रैल) को हरियाणा के मानेसर में कंपनी के ग्लोबल इनोवेशन पार्क (Global Innovation Park) में वीवीडीएन टेक्नोलॉजीज (VVDN Technologies) की अत्याधुनिक सरफेस माउंट टेक्नोलॉजी (SMT) लाइन और मैकेनिकल इनोवेशन पार्क (Mechanical Innovation Park) का उद्घाटन करने के बाद बोलते हुए, वैष्णव ने पिछले 10 वर्षों में भारत द्वारा इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण में की गई महत्वपूर्ण प्रगति पर प्रकाश डाला.
उन्होंने कहा कि हाल ही में कैबिनेट द्वारा मंजूर की गई नई इलेक्ट्रॉनिक्स घटक विनिर्माण योजना वैश्विक इलेक्ट्रॉनिक्स आपूर्ति श्रृंखलाओं में भारत की स्थिति को और मजबूत करेगी. मंत्री ने कहा कि योजना के दिशा-निर्देश जल्द ही जारी किए जाएंगे. इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण को ‘मेक इन इंडिया’ पहल की सबसे बड़ी सफलता की कहानियों में से एक बताते हुए वैष्णव ने कहा कि इस क्षेत्र में अब 25 लाख से अधिक लोग कार्यरत हैं और आने वाले वर्षों में इसमें तेजी से वृद्धि होने की उम्मीद है. उन्होंने कहा, “भारत के पास अब न केवल विनिर्माण बल्कि परिष्कृत इलेक्ट्रॉनिक उत्पादों को डिजाइन करने की भी प्रतिभा है.”
उन्होंने कहा कि इससे देश को डिजाइन क्षमता की कमी वाले अन्य देशों पर महत्वपूर्ण बढ़त मिलती है. मंत्री ने बौद्धिक संपदा अधिकारों की सुरक्षा, डिजाइन-आधारित नवाचार और विविध दुर्लभ पृथ्वी आपूर्ति श्रृंखलाओं पर आधारित एक विश्वसनीय इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण आधार बनाने के लिए भारत की प्रतिबद्धता दोहराई. उन्होंने तीन-स्तरीय कौशल रणनीति का विवरण भी साझा किया, जिसमें बुनियादी प्रशिक्षण, ऑन-साइट उत्पाद-विशिष्ट प्रशिक्षण और उद्योग-संरेखित विश्वविद्यालय पाठ्यक्रम शामिल हैं- विशेष रूप से इस क्षेत्र में उच्च पूंजी-व्यय कौशल के लिए प्रासंगिक.