आने वाले वर्षों में इलेक्ट्रॉनिक्स उद्योग भारत और दुनिया का सबसे बड़ा विनिर्माण सेक्टर बनने की ओर बढ़ रहा है. यह बात इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्रालय के सचिव एस. कृष्णन ने शनिवार को कहा. उन्होंने कहा कि तमिलनाडु का ‘इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग क्लस्टर’ भारत में वैश्विक इलेक्ट्रॉनिक्स निर्माण का प्रमुख केंद्र बन रहा है. कृष्णन ने यह बातें Zetwerk इलेक्ट्रॉनिक्स के नए मैन्युफैक्चरिंग प्लांट के उद्घाटन के दौरान कहीं. यह प्लांट केंद्रीय रेल, सूचना और प्रसारण, तथा इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने उद्घाटित किया. इस कार्यक्रम में तमिलनाडु के उद्योग मंत्री टीआरबी राजा, Zetwerk के सीईओ और सह-संस्थापक अमृत आचार्य, और इलेक्ट्रॉनिक्स बिजनेस के अध्यक्ष जॉश फोल्गर भी मौजूद थे.
कृष्णन, जो 1989 बैच के आईएएस अधिकारी हैं, ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश में 500 अरब डॉलर के वार्षिक इलेक्ट्रॉनिक्स निर्माण का महत्वाकांक्षी लक्ष्य रखा है. उन्होंने कहा, “अगर तमिलनाडु इसमें पूरी तरह भाग नहीं लेता, तो इस लक्ष्य तक पहुंचना बेहद कठिन होगा.” उन्होंने बताया कि इस लक्ष्य का 20 से 25 प्रतिशत उत्पादन तमिलनाडु से ही आएगा. यहां की कुशल मानव संसाधन क्षमता के कारण, कई कंपनियां इस क्षेत्र में अपना उत्पादन केंद्र स्थापित करने की इच्छुक हैं.
कृष्णन ने कहा कि तमिलनाडु की सबसे बड़ी ताकत यहां की मानव संसाधन गुणवत्ता है. यही कारण है कि कई वैश्विक कंपनियां यहां अपने संयंत्र स्थापित कर रही हैं. Zetwerk इलेक्ट्रॉनिक्स का यह नया प्लांट भी इस लक्ष्य में बड़ा योगदान देगा. यह कंपनी का भारत में सातवां प्लांट है. उन्होंने आगे कहा, “तमिलनाडु विशेष रूप से तिरुवल्लूर और कांचीपुरम जिले भारत का सबसे बड़ा इलेक्ट्रॉनिक्स निर्माण क्लस्टर बनने की क्षमता रखते हैं.”
कृष्णन ने यह भी बताया कि इलेक्ट्रॉनिक्स उत्पादन से जुड़ी PLI (Production Linked Incentive) योजना में तमिलनाडु को सबसे अधिक लाभ मिला है. उन्होंने कहा, “आईटी हार्डवेयर PLI योजना में शामिल 27 कंपनियों में से 7 तमिलनाडु में स्थित हैं.” इसके बाद, अश्विनी वैष्णव ने IIT मद्रास के थैयूर कैंपस का दौरा किया. वहां उन्होंने हाइपरलूप टेस्ट सुविधा का जायजा लिया और शिक्षकों व छात्रों से बातचीत की.