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The Printlines (Part of Bharat Express News Network)
फाउंडइट के अनुसार, भारत के जॉब मार्केट में महत्वपूर्ण बदलाव देखने को मिल रहा है, जिसमें 2025 में महिलाओं के लिए अवसरों में पिछले वर्ष की तुलना में 48 प्रतिशत की वृद्धि होगी. रिपोर्ट में प्रमुख उद्योगों, सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी), बैंकिंग, वित्तीय सेवाएं और बीमा (बीएफएसआई), विनिर्माण और स्वास्थ्य सेवा, को इस वृद्धि के प्राथमिक चालक के रूप में चिन्हित किया गया है. साथ ही उभरती हुई टेकनोलॉजी भूमिकाओं में विशेष प्रतिभाओं की बढ़ती मांग भी है.
फाउंडइट की वीपी-मार्केटिंग अनुपमा भीमराजका ने कहा, “भारतीय जॉब मार्केट तेजी से विकसित हो रहा है, जिससे महिलाओं के लिए अधिक पहुंच और अवसर पैदा हो रहे हैं, खासकर उच्च-विकास वाले उद्योगों और तकनीक-संचालित भूमिकाओं में. इसके अलावा उन्होंने कहा कि हमने ऑफिस से काम करने की व्यवस्था में 55 प्रतिशत की वृद्धि भी देखी है, जो नियोक्ता की प्राथमिकताओं में बदलाव का संकेत है.
जबकि वेतन समानता और कार्य-मोड वरीयताओं को विकसित करने जैसे क्षेत्रों में चुनौतियां बनी हुई हैं, 2025 में महिलाओं की कार्यबल भागीदारी के लिए समग्र दृष्टिकोण अत्यधिक उत्साहजनक बना हुआ है. डेटा से पता चलता है कि 2025 में महिलाओं के लिए अधिकांश नौकरियां शुरुआती करियर वाले पेशेवरों के लिए लक्षित हैं. 0-3 साल के अनुभव वाली महिलाओं के पास नौकरी के 53 प्रतिशत अवसर हैं. इसके बाद 4-6 साल के अनुभव वाली महिलाओं के लिए 32 प्रतिशत अवसर हैं. अनुभव के स्तर में वृद्धि के साथ प्रतिनिधित्व घटता है, 7-10 साल के अनुभव वाले लोगों के लिए 11 प्रतिशत नौकरियाँ उपलब्ध हैं, 11-15 साल के लिए 2 प्रतिशतऔर 15 साल से अधिक के अनुभव वाले लोगों के लिए सिर्फ 1 प्रतिशत. फ्रेशर्स में लगातार मजबूत मांग देखी जा रही है, जो महिलाओं के लिए कुल नौकरी के अवसरों का लगभग 25% है, विशेष रूप से आईटी, मानव संसाधन (एचआर) और मार्केटिंग में
आईटी, बीएफएसआई और उभरते क्षेत्र
व्हाइट-कॉलर कार्यबल में महिलाओं की भागीदारी आईटी (23 प्रतिशत) में सबसे अधिक बनी हुई है, उसके बाद बीएफएसआई (11 प्रतिशत) और शिक्षा (6 प्रतिशत) का स्थान है. ये उद्योग भारत में महिला पेशेवरों के शीर्ष तीन नियोक्ता बने हुए हैं. क्षेत्रवार तुलना से महिलाओं के लिए नौकरी वितरण में बदलाव का पता चलता है. जबकि आईटी/कंप्यूटर-सॉफ्टवेयर सबसे बड़ा नियोक्ता बना हुआ है, फरवरी 2024 में इसकी हिस्सेदारी 36 प्रतिशत से थोड़ी कम होकर फरवरी 2025 में 34% हो गई. इसी तरह, महिलाओं के लिए भर्ती और स्टाफिंग की नौकरियां 24 प्रतिशत से घटकर 20 प्रतिशतऔर बीएफएसआई 23% से घटकर 21% हो गई. हालांकि, विज्ञापन, बाजार अनुसंधान, जनसंपर्क और आयोजनों में 8 प्रतिशत से 11 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई, जबकि इंजीनियरिंग और उत्पादन 6 प्रतिशत से बढ़कर 8 प्रतिशतहो गया.