कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) के निवेश कोष में कुल राशि पिछले 5 सालों में दोगुनी से अधिक होकर वित्त वर्ष 2023-2024 (वित्त वर्ष 24) में 24.75 ट्रिलियन रुपये हो गई है, जो वित्त वर्ष 19 में 11.1 ट्रिलियन रुपये थी. यह जानकारी सामाजिक सुरक्षा संगठन की वार्षिक रिपोर्ट में दी गई है. रिपोर्ट के अनुसार, वित्त वर्ष 24 में इस सामाजिक सुरक्षा संगठन के तहत कुल निवेश योग्य कोष पिछले वित्त वर्ष के 21.36 ट्रिलियन रुपये से 15.8% बढ़ गया.
इस बीच, सक्रिय योगदान देने वाले ग्राहकों की संख्या वित्त वर्ष 2023 में 68.5 मिलियन से 7.6% बढ़कर वित्त वर्ष 2024 में 73.7 मिलियन हो गई. EPFO के वित्तीय सेवा विभाग द्वारा अधिसूचित निवेश के पैटर्न के अनुसार धन निवेश करता है. ये निवेश निर्धारित पैटर्न के अनुसार डेट सिक्योरिटीज और एक्सचेंज-ट्रेडेड फंड में किए गए हैं. 31 मार्च, 2015 को आयोजित केंद्रीय न्यासी बोर्ड (CBT), ईपीएफ की 207वीं बैठक की मंजूरी के अनुसार, ईपीएफओ ने अगस्त 2015 से एक्सचेंज-ट्रेडेड फंड में निवेश शुरू किया.
केंद्रीय मंत्री शोभा करंदलाजे ने दी जानकारी
केंद्रीय श्रम और रोजगार राज्य मंत्री शोभा करंदलाजे (Shobha Karandlaje) ने लोकसभा को बताया, 31 मार्च, 2024 तक ईपीएफओ द्वारा प्रबंधित विभिन्न फंडों का कुल कोष 24.75 लाख करोड़ रुपये था. उन्होंने बताया, “ईपीएफओ नियमित रूप से बीएसई-सेंसेक्स और एनएसई निफ्टी-50 सूचकांकों की नकल करते हुए एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (ईटीएफ) के माध्यम से इक्विटी बाजारों में निवेश करता है. इसके अलावा, ईपीएफओ ने समय-समय पर बॉडी कॉरपोरेट्स में भारत सरकार की शेयरधारिता के विनिवेश के लिए विशेष रूप से निर्मित ईटीएफ में भी निवेश किया है.”
EPFO बोर्ड ने मोचन नीति को मंजूरी दी
शोभा करंदलाजे की ओर से पेश किए गए आंकड़ों के अनुसार, ईपीएफओ ने 2024-25 के दौरान (अक्टूबर 2024 तक) ईटीएफ में 34,207.93 करोड़ रुपये का निवेश किया है. ईपीएफओ बोर्ड ने सदस्यों की आय बढ़ाने के लिए ईटीएफ के लिए मोचन नीति को मंजूरी दी है.