FPI Investment In India: विदेशी निवेशक फिर भारतीय बाजार में लौट रहे हैं. अक्टूबर और नवंबर में बड़ी बिकवाली के बाद एफपीआई ने इस महीने में अब तक 24,454 करोड़ रुपये का निवेश किया है. इसके साथ ही विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) ने 2024 में अब तक 9435 करोड़ रुपये का कुल शुद्ध निवेश कर चुके हैं, जबकि नवंबर के अंत तक के आंकड़ोंके अनुसार, 15019 करोड़ की बिकवाली हुई थी.
मुनाफे पर दांव लगाने की स्पष्ट रणनीति…
बाजार एक्सपर्ट के मुताबिक, ट्रेंड रिवर्सल विदेशी निवेशकों के लिए घरेलू शेयर बाजार में साल के अंत में मुनाफे पर दांव लगाने की एक स्पष्ट रणनीति है. बता दें कि मिडिल ईस्ट में चल रहे भू-राजनीतिक तनाव और चीनी शेयर बाजार में सस्ते मूल्यांकन के बीच अक्टूबर में एफपीआई आउटफ्लो 10 महीने के हाई लेवल पर पहुंच गया था. अब जब एक बार फिर विदेशी निवेशक भारतीय बाजार में लौटे हैं तो इसके क्या मायने हैं? यदि आप बाजार में पैसा लगाते हैं तो इस ट्रेंड को कैसे देखना चाहिए? आइए जानते हैं.
बदली बाजार की धारणा
नेशनल सिक्योरिटीज डिपॉजिटरी लिमिटेड (NSDL) के आंकड़ों के मुताबिक, एफपीआई ने दिसंबर महीने में अब तक भारतीय इक्विटी में ₹24,454 करोड़ लगाया है. विशेषज्ञों का कहना है कि मौजूदा रुझान में बदलाव भारत की एफआईआई रणनीति में स्पष्ट बदलाव है. यह तर्क दिया जा सकता है कि विदेशी निवेशकों की निरंतर बिक्री का दौर खत्म हो गया है. दिसंबर की शुरुआत में एफआईआई द्वारा खरीदार बनने से, पिछले दो महीनों के दौरान उनकी निरंतर बिक्री रणनीति पूरी तरह से पलट गई है, जिससे शेयर बाजार की धारणा बदली है.
गिरावट पर खरीदारी की सलाह
बाजार एक्सपर्ट का कहना है कि शेयर बाजार में बड़ी गिरावट के बाद तेज रिकवरी आई है. यह अवधि निवेशकों के लिए अपनी रणनीतियों को फिर से चेक करने के लिए एक उपयुक्त अवसर देती है. निवेशक उभरते भारत की मध्यम से लंबी अवधि की विकास क्षमता का लाभ ले सकते हैं. लंबी अवधि में भारतीय बाजार में तेजी बनी रहने की संभावना है. इसका फायदा उठाने के लिए गिरावट पर खरीदारी की रणनीति फॉलों करने की सलाह है. बैंकिंग और आईटी जैसे प्रमुख क्षेत्रों का मजबूत प्रदर्शन जारी रह सकता है. मिडकैप और स्मॉलकैप सेगमेंट में बढ़त बनी रहेगी.
ये भी पढ़ें :- AshtalakshmiMahotsav: रैंप पर उतरे पीएम मोदी के ये मंत्री, स्टाइलिश ड्रेस में बिखेरा अपना जलवा