FPI Investment: अमेरिकी केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों में कटौती की उम्मीद के बीच विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPI) ने भारतीय बाजार में वापसी की है. दिसंबर के पहले दो सप्ताह में FPI ने भारतीय शेयर बाजारों में शुद्ध रूप से 22,766 करोड़ रुपये का निवेश किया है. इससे पहले] नवंबर में FPI ने भारतीय बाजार से 21,612 करोड़ रुपये और अक्टूबर में 94,017 करोड़ रुपये की भारी निकासी की थी. अक्टूबर की निकासी का आंकड़ा सबसे खराब रहा था.
विदेशी निवेश का उठापटक
हालांकि विदेशी निवेशकों का रुझान असमंजस में है और वे अभी भी पूरी तरह से भारतीय शेयर बाजार में स्थिर नहीं हुए हैं, फिर भी भारत में ग्रोथ मार्केट के रूप में वैश्विक महत्व बना हुआ है. शेयर बाजार के विशेषज्ञों का मानना है कि विदेशी निवेशकों का मूड अमेरिकी शासन, वैश्विक भू-राजनीतिक परिदृश्य और फेडरल रिजर्व की नीतियों पर निर्भर करता है.
शेयर बाजार में निवेशकों की भावनाएं सकारात्मक
विशेषज्ञों का कहना है कि आने वाली तिमाही में भारतीय कंपनियों की वित्तीय स्थिति और आर्थिक विकास के आंकड़ों पर विदेशी निवेशकों का भरोसा निर्भर करेगा। यदि इन मोर्चों पर देश ने अच्छा प्रदर्शन किया, तो शेयर बाजार में निवेशकों की भावनाएं सकारात्मक हो सकती हैं और इससे विदेशी निवेश के लिए माहौल बनेगा.
इसके साथ ही, भारत में महंगाई का आंकड़ा अक्टूबर में 6.21 प्रतिशत से घटकर नवंबर में 5.48 प्रतिशत हो गया है, जिससे भी निवेशकों का आत्मविश्वास बढ़ा है. रिजर्व बैंक द्वारा कैश रिजर्व रेश्यो को कम कर पूंजी प्रवाह बढ़ाने के उपायों ने भी बाजार को सकारात्मक रूप से प्रभावित किया है.