2014 में 400 से आज 1,57,000 तक, कैसे दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा स्टार्टअप हब बन गया भारत

Shivam
Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)

पिछले नौ वर्षों में देश में स्टार्टअप्स ने लंबी छलांग लगाई है. 2016 से शुरू हुए “स्टार्टअप इंडिया” इनिशिएटिव के तहत, देश में स्टार्टअप्स की संख्या 400 से बढ़कर 1.57 लाख हो गई है. इस अवधि में स्टार्टअप्स को मिलने वाली फंडिंग में भी 14 गुना से अधिक की बढ़ोत्तरी हुई, जो 2016 के 8 अरब डॉलर से बढ़कर 2024 तक 115 अरब डॉलर तक पहुंच गई. देखा जाए तो देश की इकोनॉमी को स्पीड देने में स्टार्टअप्स मील का पत्थर साबित हो रहे हैं.

“स्टार्टअप इंडिया” की शुरुआत कब हुई ?

देश में इनोवेशन और उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए 16 जनवरी 2016 को “स्टार्टअप इंडिया” इनिशिएटिव की शुरूआत की गई. ताकि एक मजबूत स्टार्टअप इकोसिस्टम तैयार हो. युवाओं को इसका फायदा भी मिला. उन्हें अपने आइडिया को बिजनेस में बदलने का मौका मिला. साल 2016 में सिर्फ 400 स्टार्टअप रजिस्टर्ड थे, लेकिन 2024 के अंत तक यह संख्या 1.57 लाख से अधिक हो गई.

फंडिंग में 14 गुना बढ़ोत्तरी

साल 2016 में भारतीय स्टार्टअप्स को केवल 8 अरब डॉलर की फंडिंग मिली थी. यह फंडिंग 2024 तक 14 गुना बढ़कर 115 अरब डॉलर हो गई. इस बढ़ोतरी ने भारत को दुनिया के शीर्ष स्टार्टअप डेस्टिनेशन में से एक बना दिया है. सरकार द्वारा टैक्स में छूट, फंडिंग तक आसान पहुंच और निवेशकों को प्रोत्साहन देने वाले कदमों ने इंवेस्टमेंट बढ़ाने में मदद की. देश के युवाओं के तकनीकी ज्ञान और इनोवेशन की कैपेसिटी ने इंवेस्टर्स को अट्रैक्ट किया. देश के बड़े बाजार और तेजी से बढ़ते डिजिटल बुनियादी ढांचे ने ग्लोबल इंवेस्टर्स को अट्रैक्ट किया.

यूनिकॉर्न की संख्या में कई गुना बढ़ोत्तरी

2016 में भारत में केवल 8 यूनिकॉर्न (1 अरब डॉलर मूल्य वाले स्टार्टअप) थे. 2024 तक यह संख्या बढ़कर 118 हो गई है. इंटरनेट और मोबाइल यूजर्स की बढ़ोतरी ने डिजिटल स्टार्टअप्स को आगे बढ़ने का मौका दिया. आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, फिनटेक, ई-कॉमर्स और एडटेक जैसे सेक्टर्स में इनोवेशन ने स्टार्टअप्स को मजबूत किया. लोकल और इंटरनेशनल इंवेस्टर्स के सहयोग ने स्टार्टअप्स को तेजी से यूनिकॉर्न बनने में मदद की.

स्टार्टअप से कितनी नौकरियां ?

डीपीआईआईटी के मुताबिक, भारतीय स्टार्टअप्स ने 2016 से 2024 तक 17 लाख से अधिक नौकरियां पैदा की हैं. स्टार्टअप्स में सीधे तौर पर हजारों लोगों को रोजगार मिला. स्टार्टअप्स के इकोसिस्टम में सप्लाई चेन, तकनीकी सहयोग और सर्विस सेक्टर में भी रोजगार के अवसर बढ़े. स्टार्टअप्स ने विशेष रूप से महिलाओं और युवाओं को रोजगार के बेहतर अवसर दिए.

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