भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा जारी ताजा आंकड़ों के मुताबिक, अप्रैल से दिसंबर 2024 के बीच प्रवासी भारतीयों के बैंक खातों में जमा धन में 42.8 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है. इस अवधि के दौरान एनआरआई बैंक खातों में 13.33 बिलियन डॉलर की धनराशि जमा हुई, जबकि 2023 में इसी अवधि के दौरान यह आंकड़ा 9.33 बिलियन डॉलर था.
दिसंबर 2024 के अंत तक कुल एनआरआई जमा राशि बढ़कर 161.8 बिलियन डॉलर हो गई, जबकि दिसंबर 2023 में यह 146.9 बिलियन डॉलर थी. एनआरआई जमाओं की विभिन्न योजनाओं में FCNR (B) जमा, NRE जमा और NRO जमा शामिल हैं. इनमें से FCNR (B) जमा विदेशी मुद्रा में रखे जाते हैं, जबकि NRE और NRO खाते रुपये में संचालित किए जाते हैं.
FCNR (B) खातों में दोगुना धन प्रवाह
अप्रैल-दिसंबर 2024 के दौरान FCNR (B) खातों में सबसे अधिक 6.46 बिलियन डॉलर जमा हुए, जो 2023 की समान अवधि के 3.45 बिलियन डॉलर की तुलना में लगभग दोगुना है. दिसंबर 2024 के अंत तक, FCNR (B) खातों में कुल जमा राशि 32.19 बिलियन डॉलर हो गई. ये खाते एक से पांच साल की अवधि के लिए स्वतंत्र रूप से परिवर्तनीय विदेशी मुद्राओं में फिक्स्ड डिपॉजिट की सुविधा देते हैं. चूंकि यह खाता विदेशी मुद्रा में रखा जाता है, इसलिए यह मुद्रा में उतार-चढ़ाव के प्रभाव से धन को सुरक्षित रखता है.
अप्रैल-दिसंबर 2024 के दौरान, NRE खातों में 3.57 बिलियन डॉलर की धनराशि जमा हुई, जो पिछले वर्ष की समान अवधि में 2.91 बिलियन डॉलर थी. दिसंबर 2024 के अंत में, इन खातों में कुल बकाया राशि 99.56 बिलियन डॉलर थी. अप्रैल-दिसंबर 2024 में, एनआरओ खातों में 3.29 बिलियन डॉलर की जमा राशि दर्ज की गई, जो 2023 की समान अवधि में 2.97 बिलियन डॉलर थी. दिसंबर 2024 तक, इन खातों में कुल बकाया राशि 30.04 बिलियन डॉलर हो गई.
यह खाता प्रवासी भारतीयों (NRI) के लिए रुपये में संचालित बैंक खाता है. इसमें जमा धन का उपयोग भारत में संपत्ति खरीदने, निवेश करने और अन्य वित्तीय जरूरतों के लिए किया जाता है. आरबीआई ने दिसंबर 2024 की शुरुआत में FCNR (B) जमाओं पर ब्याज दर की सीमा बढ़ा दी थी, जिससे बैंकों को इन जमाओं पर अधिक रिटर्न देने की अनुमति मिल गई. इस कदम का उद्देश्य भारत में अधिक विदेशी मुद्रा आकर्षित करना और अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपये को मजबूत करना था.