ग्लोबल ब्रोकरेज फर्म सिटी ने कहा, इस साल 10 प्रतिशत ऊपर भाग सकता है Nifty सूचकांक

Shivam
Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)

भारतीय शेयर मार्केट (Indian Stock Market) लंबे समय से एक रेंज में बने हुए हैं. मार्केट के लिए वर्ष 2024 अच्छा रहा, लेकिन अब बात साल 2025 के टारगेट्स की है. ब्रोकरेज हाउस मानते हैं कि निफ़्टी में साल 2025 में 26000 तक के टारगेट्स देखने को मिल सकते हैं. कुछ फंड हाउस निफ्टी में 27000-28000 तक के टारगेट देख रहे हैं. लेकिन, सिटीग्रुप ने इस वर्ष निफ्टी में 10 प्रतिशत की ग्रोथ की उम्मीद जताई है.सिटीग्रुप इंक. को उम्मीद है कि भारत के 5 ट्रिलियन डॉलर के शेयर बाजार में लगातार 10वें वर्ष निवेशकों को कुछ गेन होगा,

आर्थिक विकास में सुधार के साथ-साथ मजबूत कॉर्पोरेट अर्निंग इसमें बड़ा योगदान देंगी. ब्रोकरेज ने बेंचमार्क एनएसई निफ्टी 50 इंडेक्स के लिए 26,000 का लक्ष्य निर्धारित किया है, जो कि कैलेंडर ईयर 2025 में 10 प्रतिशत रिटर्न दर्शाता है. सिटीग्रुप के अनुसार निफ्टी 50 के स्टॉक में एवरेज 10 प्रतिशत की ग्रोथ की उम्मीद की जा सकती है. सेक्टर पर नज़र डालें तो आईटी, फार्मा, बैकिंग, एफएमसीजी, एनर्जी जैसे स्टॉक इस ग्रोथ में अपना रोल निभा सकते हैं. मॉर्गन स्टेनली के साथ मिलकर सिटी ने भारतीय बाजार के लिए दोहरे अंकों में रिटर्न की उम्मीद जताई है.

मॉर्गन स्टेनली का मानना है कि भारत का दूसरा बेंचमार्क, बीएसई सेंसेक्स, 2025 में 18 प्रतिशत बढ़ेगा, क्योंकि रिटेलर्स की बाइंग नए स्टॉक की सप्लाय से आगे रहेगी. व्यक्तिगत निवेशकों ने 2024 में नेशनल स्टॉक एक्सचेंज ऑफ इंडिया लिमिटेड पर 1.5 ट्रिलियन रुपये के शेयर खरीदे, जो एक रिकॉर्ड है. एनालिस्ट को उम्मीद है कि मजबूत डोमेस्टिक फ्लो अभी भी कमजोर शहरी मांग, गिरती मुद्रा और बढ़ती ग्लोबल यील्ड के खिलाफ एक बफर बना रहेगा.

ब्रोकरेज हाउस का अनुमान है कि 2025 में भी पिछले सालों की तरह भारतीय बाज़ार में तेज़ी देखने को मिल सकती है. निफ्टी में 10 प्रतिशत की सालाना ग्रोथ की उम्मीद का अर्थ है कि निफ्टी में 2400 अंकों की तेज़ी रह सकती है, जिसे आईटी, फार्मा, बैकिंग जैसे सेक्टर लीड कर सकते हैं. पिछले साल मार्केट में यह ट्रेंड देखा गया कि रिटेल इन्वेस्टर्स ने मार्केट की हर गिरावट पर खरीदारी की. इस दौरान मार्केट में रिकॉर्ड एसआईपी देखा गया, जो इस साल भी कन्टिन्यू हो सकता है. रिटेल इन्वेस्टर्स को लगता है कि डॉलर की तेज़ी ग्लोबल फंड फ्लो को प्रभावित कर सकती है.

More Articles Like This

Exit mobile version