भारत में ‘Real Estate Absorption’ को लीड कर रहे वैश्विक क्षमता केंद्र

Shivam
Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)
वैश्विक क्षमता केंद्र (GCC) भारत में रियल एस्टेट अब्सॉर्प्शन को लीड कर रहे हैं, जिसने कोरोना पूर्व स्तर को भी पार कर लिया है. जीसीसी द्वारा रियल एस्टेट अब्सॉर्प्शन को लीड करने की वजहों में ‘देश का स्किल्ड टैलेंट पूल’ और ‘परिचालन लागतों के लाभ’ अहम बने हुए हैं. रियल एस्टेट में अब्सॉर्प्शन का मतलब किसी निश्चित समय में किसी बाजार में संपत्तियों की डिमांड और सप्लाई का आकलन करना है. जेएलएल के अनुसार, जीसीसी ने 2024 में ग्रेड ए कमर्शियल रियल एस्टेट के लगभग 27.7 मिलियन वर्ग फीट (वर्ग फीट) और 2023 में 24.1 मिलियन वर्ग फीट को लेकर अपनी प्रतिबद्धता दिखाई है, जो कुल रियल एस्टेट अब्सॉर्प्शन का क्रमशः 36 प्रतिशत और 38 प्रतिशत है.
दूसरी ओर, रियल एस्टेट कंसल्टेंसी नाइट फ्रैंक इंडिया के लेटेस्ट ऑफिस मार्केट असेसमेंट में कहा गया है कि जीसीसी ने 2024 में 22.5 मिलियन वर्ग फीट (वर्ग फीट) लीज पर दिए, जो कुल लीज की मात्रा (टोटल लीजिंग वॉल्यूम) का 31 प्रतिशत है. इसमें से 50 बड़े सौदे, जो कि प्रत्येक 100,000 वर्ग फुट से अधिक के थे, कुल 12.1 मिलियन वर्ग फुट के थे. 56 मध्यम आकार के सौदे, प्रत्येक 50,000-100,000 वर्ग फुट के थे- ने 4.4 मिलियन वर्ग फुट का योगदान दिया. इसके अलावा, 223 छोटे सौदे, जो  50,000 वर्ग फुट से कम के थे, ने 5.5 मिलियन वर्ग फुट लीज पर दिए गए स्थान का योगदान दिया.
एनारॉक ग्रुप की एक दूसरी रिपोर्ट में कहा गया है कि टॉप सात शहरों में नेट ऑफिस अब्सॉर्प्शन करीब 50 मिलियन वर्ग फुट तक पहुंच गया, जिसने वर्ष 2023 में 38.64 मिलियन वर्ग फुट की तुलना में सालाना आधार पर 29 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज करवाई. यह वृद्धि जीसीसी और टेक्नोलॉजी सेक्टर की मजबूत मांग की वजह से दर्ज की गई. जीसीसी के लिए एक पसंदीदा गंतव्य के रूप में भारत की स्थिति ऑफिस स्पेस अब्सॉर्प्शन के लिए महत्वपूर्ण बनी हुई है. देश के स्किल्ड टैलेंट पूल और परिचालन लागतों के लाभ से आकर्षित होते हुए प्रमुख बहुराष्ट्रीय निगम रणनीतिक रूप से अपनी परिचालन उपस्थिति का विस्तार कर रहे हैं.
इस ट्रेंड की वजह से बेंगलुरु, हैदराबाद, एनसीआर, एमएमआर और पुणे जैसे प्रमुख बाजारों में ग्रेड ए ऑफिस स्पेस की मांग पैदा होने का अनुमान है. एनारॉक की रिपोर्ट के अनुसार, जहां हाइब्रिड वर्क मॉडल प्रचलित बने हुए हैं, वहीं दूसरी ओर कंपनियां सहयोग, इनोवेशन और कर्मचारी कल्याण को बढ़ाने के लिए अपने ऑफिस स्पेस को बेहतर बनाने के बारे में विचार कर रही हैं. भारतीय कार्यालय बाजार (इंडियन ऑफिस मार्केट) 2025 में सकारात्मक वृद्धि के लिए तैयार है. वैश्विक अर्थव्यवस्थाओं के स्थिर पुनरुद्धार के साथ टेक्नोलॉजी सेक्टर में भारत के टॉप 7 शहरों में ऑफिस स्पेस की मांग को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है.

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