इंडियन ग्रेजुएट्स की वैश्विक रोजगार योग्यता साल 2025 तक 55 प्रतिशत तक पहुँचने का अनुमान है, जो 2024 में 51.2 प्रतिशत थी. यह वृद्धि भारत के बढ़ते हुए Global Workforce में योगदान को दर्शाती है. ‘India Skills Report 2025’ में यह जानकारी दी गई है, जिसे भारतीय उद्योग निकाय कंफेडरेशन ऑफ इंडियन इंडस्ट्रीज़ ने व्हीबॉक्स और ऑल इंडिया काउंसिल फॉर टेक्निकल एजुकेशन (AICTE) के सहयोग से तैयार किया है.
रिपोर्ट के मुताबिक, मैनेजमेंट ग्रेजुएट्स (78 प्रतिशत) की वैश्विक रोजगार क्षमता सबसे अधिक है, इसके बाद इंजीनियरिंग छात्रों (71.5 प्रतिशत), एमसीए छात्रों (71 प्रतिशत) और विज्ञान ग्रेजुएट्स (58 प्रतिशत) का स्थान है. इसके अलावा, महाराष्ट्र, कर्नाटक और दिल्ली जैसे राज्य उभरते हुए रोजगार योग्य प्रतिभाओं के हब बन रहे हैं, जबकि पुणे, बेंगलुरु और मुंबई जैसे शहर अग्रणी भूमिका निभा रहे हैं.
लिंग आधारित रोजगार योग्यता का किया गया विश्लेषण
रिपोर्ट में लिंग आधारित रोजगार योग्यता का विश्लेषण भी किया गया है. पुरुषों की रोजगार योग्यता दर 2025 में 53.5 प्रतिशत तक पहुंचने का अनुमान है, जो 2024 में 51.8 प्रतिशत. वहीं, महिलाओं की रोजगार योग्यता दर 47.5 प्रतिशत तक गिरने का अनुमान है, जो 2024 में 50.9 प्रतिशत थी.
रिपोर्ट के मुताबिक, 93 प्रतिशत छात्र इंटर्नशिप में गहरी रुचि रखते हैं, जो Global Workforce के लिए आवश्यक कौशल हासिल करने के प्रति उनकी प्रतिबद्धता को दर्शाता है.
कौशल प्रशिक्षण पर ध्यान किया जाना चाहिए केंद्रित
भारत कौशल रिपोर्ट के मुख्य संयोजक निर्मल सिंह कहा] अगले दशक में गुणवत्ता आधारित कौशल प्रशिक्षण पर विशेष ध्यान केंद्रित किया जाना चाहिए, ताकि अंतरराष्ट्रीय गतिशीलता में सुधार हो सके, विशेष रूप से लंबी अवधि के प्रमाणित कौशल कार्यक्रमों के माध्यम से. CII द्वारा जारी एक अन्य रिपोर्ट ‘Decoding Jobs – 2025’ के मुताबिक, त्तीय वर्ष 2026 में कंपनियों का भर्ती इरादा 9.8% रहने का अनुमान है. वैश्विक क्षमता केंद्र, भारी इंजीनियरिंग कंपनियां और बैंकिंग एवं वित्तीय उद्योगों में सबसे उच्च भर्ती इरादा (12%) रहने का अनुमान है.