Google gemini: गूगल ने अपने सबसे पावरफुल आर्टिफिशियिल इंटेलिजेंस (एआई) मॉडल पेश किया है. जिसे गूगल ने Gemini नाम दिया है, हालांकि टेक्निकल नाम Gemini 1.0 है, क्योंकि यह जेमिनी का पहला वर्जन है. वहीं, Google ने Gemini को लेकर कहा है कि यह एक नए युग का शुभांरभ है. गूगल के सीईओ सुंदर पिचाई ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट के माध्यम से इसकी जानकारी दी है. कहा जा रहा है कि इसका सीधा मुकाबला ओपनएआई के सबसे लेटेस्ट एआई टूल GPT-4 के साथ है.
प्रोग्रामिंग में Gemini को महारत हासिल
बता दें कि गूगल का Gemini मल्टीमॉडल एआई और बेसिक एआई का कॉम्बो वर्जन है. Gemini को लेकर दावा किया जा रहा है कि प्रोग्रामिंग के मामले में इसे महारत हासिल है. यह अपने प्रतिद्वंदी मॉडल के मुकाबले दोगुना तेज है. इसके अलावा इसकी परफॉरमेंस मार्केट में मौजूद एआई मॉडल के मुकाबले 85 प्रतिशत बेहतर है.
Gemini के 3 मॉडल हुए पेश
दरअसल, Google ने अपने नए आई मॉडल Gemini के तीन वर्जन पेश किए है, जों Ultra, Pro, Nano हैं. ये तीनों अलग-अलग उपयोग के लिए हैं. बता दें कि Gemini एक सिंगल लैंग्वेज मॉडल नहीं है मगर Gemini Nano, Gemini Pro और Gemini Ultra की अपनी एक आवश्यकता है.
इनमें से Gemini Ultra सबसे बड़ा और सबसे पावरफुल टूल है जिसे खासतौर पर कठिन कार्यो के लिए डिजाइन किया गया है. Gemini Ultra का यूज डाटा सेंटर जैसी स्थानों पर किया जाएगा, वहीं Gemini Pro, का इस्तेमाल छोटे डाटा सेंटर्स पर किया जा सकता है.
ऑफलाइन भी किया जा सकेगा Gemini Nano का इस्तेमाल
वहीं, इनमें से सबसे छोटा मॉडल Gemini Nano है, जिसे एंड्रॉयड डिवाइस को ध्यान में रखकर डिजाइन किया गया है. इसमें खास बात ये है कि इसका इस्तेमाल ऑफलाइन भी किया जा सकेगा. मोबाइल डिवाइस में Gemini Nano का यूज करते हुए कई काम किए जा सकेंगे. बता दें कि जेमिनी नैनो का सपोर्ट सबसे पहले गूगल पिक्सल 8 प्रो के लिए जारी किया जाएगा. यह टूल व्हाट्सएप के मैसेज का रिप्लाई भी खुद ही कर देगा.