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The Printlines (Part of Bharat Express News Network)
भारत 20 रेलवे के लिए ‘नेट जीरो’ उत्सर्जन को प्राप्त करने के लिए प्रतिबद्ध है और FY25-26 में रेलवे का इलेक्ट्रिफिकेशन 100 प्रतिशत पर पहुंच जाएगा. केंद्रीय रेलवे, इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने यह बयान दिया. केंद्रीय मंत्री ने मध्य प्रदेश के ‘ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट 2025’ को वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए संबोधित करते हुए कहा, हमारा अगला उद्देश्य रिन्यूएबल एनर्जी का अधिक से अधिक इस्तेमाल करना है. भारतीय रेलवे ने अपनी ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने के लिए 4,260 मेगावाट (इंस्टॉल्ड) सोलर और 3,427 मेगावाट (इंस्टॉल्ड) विंड पावर के लिए करार किया हुआ है.
उन्होंने आगे कहा कि इस दृष्टिकोण के साथ भारतीय रेलवे पहले ही 1,500 मेगावाट रिन्यूएबल एनर्जी के लिए अनुबंध कर चुका है. साथ ही रिन्यूएबल एनर्जी के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को दोहराते हुए उन्होंने कहा, मध्य प्रदेश सरकार के साथ एक महत्वपूर्ण 170 मेगावाट बिजली खरीद समझौते (पीपीए) पर हस्ताक्षर किए गए हैं. यह अनुबंध भारत की सबसे सस्ती सोलर पावर की खरीद को दर्शाता है, जिसकी कीमत 2.15 रुपये प्रति किलोवाट घंटा है.
नेट जीरो लक्ष्य हासिल करने के लिए प्रतिबद्ध है रेलवे
मध्य प्रदेश सरकार रीवा अल्ट्रा मेगा सोलर पावर लिमिटेड (आरयूएमएसएल) के माध्यम से अपने सबसे बड़े सोलर पार्क से भारतीय रेलवे को सोलर पावर की आपूर्ति कर रही है. केंद्रीय मंत्री ने राज्य में रेलवे विकास को आगे बढ़ाने में सक्रिय भूमिका के लिए राज्य के मुख्यमंत्री मोहन यादव की सराहना की.
उन्होंने देश के परिवहन नेटवर्क के लिए एक टिकाऊ और हरित भविष्य के लिए भारत सरकार की मजबूत प्रतिबद्धता को दोहराया. केंद्रीय मंत्री ने कहा, “भारतीय रेलवे नेट जीरो’ उत्सर्जन प्राप्त करने और पर्यावरणीय स्थिरता को बढ़ावा देने, तेल आयात को कम करने और समग्र रसद लागत को कम करने के लिए सड़क से रेल परिवहन में बदलाव करने के लिए प्रतिबद्ध है.”