इस वित्त वर्ष अप्रैल-सितंबर के दौरान केंद्र सरकार ने इलेक्ट्रॉनिक्स और फार्मा सहित छह क्षेत्रों के लिए उत्पादन-लिंक्ड प्रोत्साहन योजनाओं के तहत 1,596 करोड़ रुपये वितरित किए हैं. एक अधिकारी ने बताया, सरकार ने 2021 में दूरसंचार, व्हाइट गुड्स, टेक्सटाइल, मेडिकल डिवाइस निर्माण, ऑटोमोबाइल, स्पेशलिटी स्टील, खाद्य उत्पाद, उच्च दक्षता वाले सोलर पीवी मॉड्यूल, एडवांस्ड केमिस्ट्री सेल बैटरी, ड्रोन और फार्मा जैसे 14 क्षेत्रों के लिए PLI योजनाओं की घोषणा की, जिसका परिव्यय 1.97 लाख करोड़ रुपये है. कुल 1,596 करोड़ रुपये में से सबसे अधिक 964 करोड़ रुपये बड़े पैमाने पर इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण के लिए पीएलआई योजना के तहत वितरित किए गए.
14 सेक्टरों में आया 1.46 लाख करोड़ रुपये का निवेश
इसके बाद फार्मा (604 करोड़ रुपये), फूड प्रोडक्ट (11 करोड़ रुपये), टेलिकॉम (9 करोड़ रुपये), बल्क ड्रग्स (6 करोड़ रुपये) और ड्रोन (2 करोड़ रुपये) का स्थान रहा. अधिकारी ने बताया कि 2023-24 तक वितरित प्रोत्साहन राशि 9,721 करोड़ रुपये थी. इस योजना का देश के एमएसएमई इकोसिस्टम पर व्यापक प्रभाव पड़ रहा है. हर क्षेत्र में बनने वाली प्रमुख इकाइयों को संपूर्ण मूल्य श्रृंखला में नए आपूर्तिकर्ता आधार की आवश्यकता होगी. इनमें से अधिकांश सहायक इकाइयां एमएसएमई क्षेत्र में बनाई जाएंगी.
इसके अलावा, अगस्त 2024 तक 14 सेक्टरों में 1.46 लाख करोड़ रुपये का निवेश प्राप्त हुआ है, जिसके परिणामस्वरूप 12.50 लाख करोड़ रुपये से अधिक का वृद्धिशील उत्पादन/बिक्री, 9.5 लाख से अधिक रोजगार सृजन और 4 लाख करोड़ रुपये से अधिक का निर्यात हुआ है. पीएलआई योजनाओं के तहत 760 से अधिक आवेदन स्वीकृत किए गए हैं. अपनी-अपनी योजनाओं को लागू करने वाले विभाग संवितरण के लिए जिम्मेदार हैं. योजनाओं का उद्देश्य प्रमुख क्षेत्रों और अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी में निवेश आकर्षित करना है; दक्षता सुनिश्चित करना, विनिर्माण क्षेत्र में आकार और पैमाने की मितव्ययिता लाना तथा भारतीय कंपनियों और निर्माताओं को वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाना.