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कैबिनेट ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को हुई बैठक में कम मूल्य के भीम-यूपीआई (BHIM-UPI) लेनदेन के लिए 1,500 करोड़ रुपये के इंसेंटिव को मंजूरी दी है. इसका उद्देश्य स्वदेशी BHIM-UPI प्लेटफॉर्म के माध्यम से FY24-25 में 20,000 करोड़ लेनदेन का लक्ष्य हासिल करना है. कैबिनेट की ओर से कहा गया कि कम मूल्य के भीम-यूपीआई लेनदेन (पर्सन टू मर्चेंट (पी2एम)) को बढ़ावा देने के लिए इंसेंटिव स्कीम “1,500 करोड़ रुपये के अनुमानित परिव्यय से 01.04.2024 से 31.03.2025 तक कार्यान्वित की जाएगी.” कैबिनेट ने आगे कहा कि इस योजना के अंतर्गत केवल छोटे व्यापारियों के लिए 2,000 रुपये तक के यूपीआई (पी2एम) लेनदेन को कवर किया गया है.
छोटे व्यापारियों की कैटेगरी के तहत आने वाले 2,000 रुपये तक के लेनदेन के लिए प्रति लेनदेन मूल्य पर 0.15% का इंसेंटिव प्रदान किया जाएगा. कैबिनेट नोट में कहा गया, “योजना में सभी तिमाहियों के लिए अधिग्रहणकर्ता बैंकों द्वारा स्वीकृत दावा राशि का 80% बिना किसी शर्त के वितरित किया जाएगा.” कैबिनेट ने बताया कि प्रत्येक तिमाही के लिए स्वीकृत क्लेम का शेष 20% की प्रतिपूर्ति कुछ शर्तों पर निर्भर होगी, जिसमें स्वीकृत दावे का 20% तभी प्रदान किया जाएगा जब अधिग्रहणकर्ता बैंक की टेक्निकल डिक्लाइन 0.75% से कम होगी और स्वीकृत दावे का शेष 10% तभी प्रदान किया जाएगा जब अधिग्रहणकर्ता बैंक का सिस्टम अपटाइम 99.5% से अधिक होगा. इस कदम से सुविधाजनक, सुरक्षित और तेज नकदी प्रवाह सुनिश्चित होगा और आम नागरिकों को बिना किसी अतिरिक्त शुल्क के बिना रुकावट के भुगतान सुविधा का लाभ मिलेगा.
इससे छोटे व्यापारी भी बिना किसी अतिरिक्त लागत के UPI सेवाओं का लाभ उठा सकेंगे. छोटे व्यापारी मूल्य के प्रति संवेदनशील होते हैं. इस कारण इंसेंटिव उन्हें यूपीआई भुगतान स्वीकार करने में मदद करेगा. आरबीआई के मुताबिक, सभी कार्ड नेटवर्क (डेबिट कार्ड के लिए) पर लेनदेन मूल्य का 0.90% तक मर्चेंट डिस्काउंट दर (MDR) लागू है. NPCI के मुताबिक, UPI P2M लेनदेन के लिए लेनदेन मूल्य का 0.30% तक एमडीआर लागू है. जनवरी 2020 से डिजिटल लेनदेन को बढ़ावा देने के लिए रुपे डेबिट कार्ड और BHIM-UPI लेनदेन के लिए MDR शून्य कर दिया गया था.