GST Council Meet: टैक्स चोरी करने वालों की अब खैर नहीं है. शनिवार को जीएसटी काउंसिल ने गुड्स एंड सर्विस टैक्स (GST) चोरी रोकने के लिए ‘ट्रैक एंड ट्रेस’ ट्रैकिंग सिस्टम शुरू करने का फैसला किया है. जीएसटी काउसिंल की 55वीं बैठक में कर चोरी रोकने के लिए ‘ट्रैक एंड ट्रेस’ सिस्टम लागू करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गई है. इस सिस्टम के तहत वस्तुओं या पैकेट पर एक यूनिक कोड लगाया जाएगा. इससे सप्लाई चेन में उनको ट्रैक करना आसान हो जाएगा. इससे टैक्स चोरी करना संभव नहीं होगा.
इस तरह होगी ट्रैकिंग
वित्त मंत्रालय ने निर्णयों के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि यह सिस्टम विशिष्ट पहचान चिह्न पर आधारित होगी, जिसे उक्त वस्तुओं या उनके पैकेट पर लगाया जाएगा. इससे ऐसी सिस्टम विकसित करने के लिए कानूनी ढांचा उपलब्ध होगा और आपूर्ति श्रृंखला में निर्दिष्ट वस्तुओं का पता लगाने के लिए तंत्र के कार्यान्वयन में सहायता मिलेगी.
इसमें कहा गया है, यह स्पष्ट किया जाता है कि अपंजीकृत प्राप्तकर्ताओं को ऑनलाइन मनी गेमिंग, ओआईडीएआर सेवाओं आदि जैसी ‘ऑनलाइन सर्विसेज की आपूर्ति के संबंध में, सप्लायर को कर चालान पर अपंजीकृत प्राप्तकर्ता के राज्य का नाम अनिवार्य रूप से दर्ज करना जरूरी है और प्राप्तकर्ता के राज्य का ऐसा नाम IGST एक्ट, 2017 की धारा 12(2)(B) के प्रयोजन के लिए प्राप्तकर्ता के रिकॉर्ड में दर्ज पता माना जाएगा.
पुरानी ईवी खरीदने पर लगेगा 18% टैक्स
बैठक में कारोबार में इस्तेमाल के लिए खरीदी गई पुरानी इलेक्ट्रिक गाड़ी के मार्जिन मूल्य पर 18 फीसदी जीएसटी लगाने का फैसला किया गया. परिषद ने साथ ही विमान ईंधन (ATF) को जीएसटी व्यवस्था से बाहर रखने पर सहमति जताई. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि राज्य विमान टरबाइन ईंधन को माल एवं सेवा कर (GST) के दायरे में लाने पर सहमत नहीं हैं. इसके अलावा, निर्मला सीतारमण ने कहा कि बीमा प्रीमियम पर टैक्स में कमी के संबंध में कोई फैसला नहीं लिया गया.
ये भी पढ़ें :- जनता दर्शन: CM योगी ने सुनी लोगों की समस्याएं, संबंधितों को दिए निर्देश