GST Council Meeting: राजस्थान के जैसलमेर में जीएसटी काउंसिल की 55वीं बैठक हुई. इस बैठक से आम लोगों को बड़ी उम्मीद थी, मीटिंग के बाद सामने आए फैसले ने लोगों को निराश करने वाली है. शनिवार को जीएसटी काउंसिल ले जीवन और स्वास्थ्य बीमा पॉलिसी के प्रीमियम पर कर की दर घटाने के फैसला टाल दिया.
दरअसल, सरकार टर्म इंश्योरेंस पर GST की दरों को कम कर सकती है, लेकिन केंद्रीय वित्त मंत्री और मंत्री समूह के जीएमओ ने इस मुद्दे पर सहमति नहीं बनने की वजह से इसे अगली मीटिंग तक के लिए टाल दिया.
टर्म इंश्योरेंस पर लगता है इतना जीएसटी
टर्म इंश्योरेंस लंबे समय के लिए लिया जाता है. इसका प्रीमियम सालाना, त्रैमासिक और मासिक आधार पर देना होता है. फिलहाल की जीएसटी रेट के अनुसार टर्म इंश्योरेंस लेने पर उसके प्रीमियम पर 18 प्रतिशत जीएसटी देना होता है. बता दें टैक्स की इतनी ज्यादा दरों की वजह से भी बहुत से लोग टर्म इंश्योरेंस नहीं खरीदते हैं.
आम लोगों को थी ये उम्मीद
जीएसटी काउंसिल की बैठक से आम लोगों को उम्मीद थी कि टर्म इंश्योरेंस के प्रीमियम पर लगने वाले 18 प्रतिशत जीएसटी को घटाकर 5 प्रतिशत किया जा सकता है. यदि ऐसा होता तो आम जन को महंगाई की मार से थोड़ी राहत मिलती. हालांकि ऐसा नहीं हुआ और स्वास्थ्य बीमा कवर वाली पॉलिसी के लिए दिए जाने वाले प्रीमियम पर 18 फीसदी जीएसटी जारी रहेगा.
क्या होता है टर्म इंश्योरेंस
टर्म इंश्योरेंस एक ऐसा जीवन बीमा प्रोडक्ट है, जो किसी व्यक्ति को निश्चित अवधि (जैसे 10, 20, या 30 साल) के लिए कवर प्रदान करता है. यह बीमा योजना जीवन सुरक्षा का सबसे सस्ता और सरल तरीका है. इसमें व्यक्ति के निधन की स्थिति में उनके परिवार को बीमित राशि दी जाती है, लेकिन अगर बीमित व्यक्ति उस अवधि तक जीवित रहता है, तो कोई राशि वापस नहीं मिलती.
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