GTRI: आर्थिक थिंक टैंक GTRI ने आज कहा कि भारत को अमेरिका के साथ सभी वार्ताओं से पीछे हट जाना चाहिए और ट्रंप प्रशासन के साथ उसी तरह से बातचीत की तैयारी करनी चाहिए, जैसे चीन और कनाडा जैसे देश कर रहे हैं. ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इनिशिएटिव के संस्थापक अजय श्रीवास्तव ने कहा कि यूएसए भारत पर उन व्यापार मांगों को स्वीकार करने के लिए भारी दबाव डाल रहा है, जो मोटे तौर पर अमेरिकी हितों के अनुकूल हैं.
डोनाल्ड ट्रंप ने दावा- टैरिफ कम करने के लिए भारत राजी
दरअसल, अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दावा किया है कि भारत अपने यहां आयात होने वाले अमेरिकी सामान पर टैरिफ कम करने के लिए सहमत हो गया है. जबकि भारत सरकार की ओर से अब तक इसकी पुष्टि नहीं हुई है. राष्ट्रपति ट्रंप ने यह आरोप भी लगाया कि भारत आयात होने वाले सामान पर भारी टैरिफ लगाता है, इस वजह से वहां कुछ भी बेचना काफी मुश्किल है. हालांकि, खुशी जाहिर करते हुए उन्होंने कहा कि अब टैरिफ कम करने को लेकर भारत राजी हो गया है.
गलत आंकड़ों का इस्तेमाल कर रहा यूएसए
अजय श्रीवास्तव ने कहा कि राष्ट्रपति ट्रंप और उनके अधिकारियों ने अधिकतर गलत आंकड़ों का इस्तेमाल करके भारत की आलोचना की है. उन्होंने कहा कि ”ट्रंप गलत आंकड़ों का इस्तेमाल करके सार्वजनिक तौर पर भारत का अपमान कर रहे हैं. ऐसी परिस्थितियों में कोई संतुलित परिणाम संभव नहीं है. भारत को सभी वार्ताओं से पीछे हट जाना चाहिए और अन्य देशों के जैसे उनके साथ निपटने की तैयारी करनी चाहिए.”
ट्रंप भारत को दिखा रहे नीचा
राष्ट्रपति ट्रंप ने शुक्रवार को दावा किया कि भारत अमेरिकी आयातों पर टैरिफ घटाने पर राजी है. श्रीवास्वत ने कहा कि ”भारत की चुप्पी हैरान करने वाली है और भारत को तथ्यों के साथ जवाब देने की आवश्यकता है. पूरी दुनिया देख रही है कि राष्ट्रपति ट्रंप और उनके अधिकारी हर दिन भारत को नीचा दिखा रहे हैं.” अमेरिकी वाणिज्य मंत्री हॉवर्ड लुटनिक ने भी कहा है कि भारत को अपना कृषि बाजार खोलने की आवश्यकता है. बता दें कि अमेरिकी टैरिफ के खिलाफ चीन और कनाडा ने जवाबी उपायों का ऐलान किया है.
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