हायर अप्लायंसेज इंडिया अगले 3-4 सालों में 2 बिलियन अमेरिकी डॉलर की बिक्री का लक्ष्य बना रही है. यह उपलब्धि उच्च दोहरे अंकों की वृद्धि, उत्पाद श्रेणी के विस्तार और नए वितरण चैनलों के माध्यम से हासिल की जाएगी. कंपनी के एक शीर्ष अधिकारी के मुताबिक, हायर 2024-2028 के बीच 1,000 करोड़ रुपये से अधिक का निवेश कर एयर कंडीशनर उत्पादन और इंजेक्शन मोल्डिंग यूनिट स्थापित करने की योजना बना रही है. अब तक, हायर ने पुणे और ग्रेटर नोएडा में अपने संयंत्रों में 2,400 करोड़ रुपये का निवेश किया है.
नई उत्पादन इकाई के साथ, हायर इंडिया की उत्पादन क्षमता वर्तमान 1.5 मिलियन यूनिट प्रति वर्ष से बढ़कर 4 मिलियन यूनिट हो जाएगी. यह घरेलू स्तर पर मूल्य संवर्धन को भी बढ़ाएगी. हायर अप्लायंसेज इंडिया के अध्यक्ष एनएस सतीश ने पीटीआई से बातचीत में कहा, “वर्तमान में हमारी उत्पादन क्षमता 1.5 मिलियन यूनिट है. लेकिन जिस तरह भारत में एसी बाजार बढ़ रहा है, 2027 तक हमें क्षमता की कमी का सामना करना पड़ सकता है. इसलिए, नया संयंत्र 2.5 मिलियन यूनिट की क्षमता का होगा.” कंपनी दक्षिण भारत में भी एक नया संयंत्र स्थापित करने की योजना बना रही है और जल्द ही इसके निवेश की घोषणा करेगी.
हालांकि, सतीश ने इस परियोजना की लागत का खुलासा नहीं किया, लेकिन संकेत दिया कि यह नोएडा इंडस्ट्रियल पार्क में मौजूदा संयंत्र के समान आकार और क्षमता का होगा. 2024 में, हायर इंडिया की आय 36% बढ़कर लगभग 8,900 करोड़ रुपये हो गई, जिससे उसने 1 बिलियन अमेरिकी डॉलर का बिक्री लक्ष्य पार कर लिया. 2025 में, सतीश को उम्मीद है कि कंपनी की आय 11,500 करोड़ रुपये को पार कर जाएगी. उन्होंने आगे कहा, “हर साल हमारी आय 2,000 से 2,500 करोड़ रुपये तक बढ़ने की उम्मीद है.
भारत में हमें बहुत बड़ा अवसर दिख रहा है. देश की जीडीपी अच्छी गति से बढ़ रही है और घरेलू उपकरणों की पैठ अभी भी अन्य देशों की तुलना में बहुत कम है.” जब उनसे पूछा गया कि हायर इंडिया कब 2 बिलियन अमेरिकी डॉलर की कंपनी बनेगी, तो सतीश ने जवाब दिया, “अगले तीन से चार वर्षों में निश्चित रूप से. हम पहले ही 1 बिलियन अमेरिकी डॉलर का आंकड़ा पार कर चुके हैं और हमें पूरा विश्वास है कि यह जल्द ही 2 बिलियन अमेरिकी डॉलर से अधिक हो जाएगा.” हायर को एयर कंडीशनर, रेफ्रिजरेटर, वॉशिंग मशीन, टीवी पैनल और कमर्शियल फ्रीजर जैसे उत्पादों में बड़ा अवसर दिख रहा है, क्योंकि भारत में इनकी पैठ अन्य देशों की तुलना में काफी कम है. भारत, चीन स्थित हायर ग्रुप कॉरपोरेशन के लिए चौथा सबसे बड़ा बाजार है, और सतीश को उम्मीद है कि अगले 4-5 वर्षों में भारत शीर्ष तीन बाजारों में शामिल हो जाएगा.
उन्होंने कहा, “भारत हमारे लिए बहुत महत्वपूर्ण बाजार है. यहां की जनसंख्या और आर्थिक विकास को देखते हुए हम 2 बिलियन अमेरिकी डॉलर का लक्ष्य हासिल कर सकते हैं. यदि हम यह मुकाम हासिल कर लेते हैं, तो हम हायर ग्रुप के शीर्ष तीन बाजारों में शामिल हो जाएंगे.” हायर अन्य ब्रांड्स की तरह भारतीय बाजार में तेजी से बढ़ती प्रीमियम श्रेणी का भी अनुभव कर रहा है. हालांकि, सतीश ने बताया कि कंपनी प्रीमियम उत्पादों के साथ-साथ बजट उत्पादों पर भी ध्यान केंद्रित कर रही है. उन्होंने कहा, “भारत दो भागों में बंटा हुआ है—एक वर्ग प्रीमियम उत्पादों की मांग कर रहा है, जबकि दूसरा वर्ग किफायती और वैल्यू-फॉर-मनी उत्पादों को प्राथमिकता दे रहा है. इसी वजह से हम सिंगल-डोर रेफ्रिजरेटर से लेकर सबसे प्रीमियम फोर-डोर रेफ्रिजरेटर और एडवांस्ड एयर कंडीशनर तक के उत्पाद पेश कर रहे हैं.” कंपनी की सबसे अधिक वृद्धि प्रीमियम श्रेणी से हुई है, जो दर्शाता है कि भारत में प्रीमियम बाजार तेजी से बढ़ रहा है. आसान ईएमआई योजनाओं जैसी पहल से इस श्रेणी की मांग और बढ़ी है. सतीश ने कहा, “हम मानते हैं कि प्रीमियम बाजार तेजी से बढ़ता रहेगा.”
जब उनसे पूछा गया कि क्या हायर ग्रुप भारत के बढ़ते प्रीमियम बाजार में अपने अन्य वैश्विक ब्रांड्स पेश करने की योजना बना रहा है, तो सतीश ने कहा, “फिलहाल हमारा फोकस हायर ब्रांड के पोर्टफोलियो को मजबूत करने पर है. अभी हम अन्य वैश्विक ब्रांड्स को भारत में लाने की योजना नहीं बना रहे हैं.” हायर ग्रुप के पास हायर, कासार्टे, लीडर, जीई अप्लायंसेज, फिशर एंड पैकेल, एक्वा और कैंडी जैसे ब्रांड्स हैं. हायर ने 2003 में भारत में प्रवेश किया और अब इसकी विनिर्माण इकाइयां पुणे और ग्रेटर नोएडा में स्थित हैं. भारतीय बाजार में इसका मुकाबला एलजी इलेक्ट्रॉनिक्स, सैमसंग, पैनासोनिक और अन्य ब्रांड्स से है. हायर रेफ्रिजरेटर, एयर कंडीशनर, वॉशिंग मशीन, एलईडी टीवी, डीप फ्रीजर और माइक्रोवेव जैसे उत्पादों में प्रतिस्पर्धा करता है.