भारतीय फार्मा कंपनियों को अधिक US टैरिफ से मार्केट शेयर बढ़ाने में मिलेगी मदद: Report

Shivam
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Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)
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भारतीय फार्मा कंपनियों को बढ़ते अमेरिकी टैरिफ से मार्केट शेयर बढ़ाने में मदद मिल सकती है. जेपी मॉर्गन की रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है. जेपी मॉर्गन की रिपोर्ट में बताया गया कि भारतीय दवा कंपनियों में बेहतर लागत प्रतिस्पर्धात्मकता के कारण अपने वैश्विक प्रतिस्पर्धियों की कीमत पर बाजार हिस्सेदारी हासिल करने की क्षमता है. ब्रोकरेज फर्म ने कहा, अधिक टैरिफ के कारण इस बात की भी संभावना कम है कि भारतीय फार्मा कंपनियां अपनी मैन्युफैक्चरिंग सुविधाओं को अमेरिका में शिफ्ट करें.
जेपी मॉर्गन ने कहा, उपभोक्ताओं के लिए दवाइयों की कीमत में वृद्धि और सीमित आपूर्ति के चलते फार्मास्यूटिकल्स पर 25 प्रतिशत या उससे अधिक टैरिफ असंभव है. रिपोर्ट में बताया गया कि अगर फार्मास्यूटिकल्स पर 10% का टैरिफ लगाया जाता है, तो इसका एक बड़ा हिस्सा ग्राहकों को हस्तांतरित कर दिया जाएगा. इसकी वजह दवाइयों की नियमित मांग बने रहना है. टैरिफ में बढ़ोतरी का बाकी बचा हिस्सा मैन्युफैक्चरर्स और फार्मेसी बेनिफिट मैनेजर्स (पीबीएम) द्वारा वहन किया जाएगा.
टैरिफ वृद्धि से दवाओं की लागत बढ़ने की आशंका है और मध्यम अवधि में अमेरिका में मरीजों के लिए बीमा प्रीमियम में भी वृद्धि होगी. ब्रोकरेज ने आगे कहा, अगर टैरिफ जारी रहता है, तो बड़ी भारतीय फार्मा कंपनियां अपनी बातचीत की शक्ति बढ़ाने के लिए एकजुट हो सकती हैं, लेकिन उनके बाजार से बाहर निकलने की संभावना नहीं है. जेपी मॉर्गन का यह भी मानना ​​है कि बायोसिमिलर को टैरिफ से छूट दी जा सकती है. अमेरिका में इन उत्पादों के लिए सीमित मैन्युफैक्चरिंग इन्फ्रास्ट्रक्चर होने के कारण मांग का लगभग 70% हिस्सा आयात से पूरा किया जाता है.
रिपोर्ट में बताया गया है कि बायोसिमिलर पर टैरिफ लगाने से मरीजों के लिए लागत बढ़ सकती है. जेपी मॉर्गन की रिपोर्ट के मुताबिक, भारत के अलावा, इजराइल और स्विट्जरलैंड से आने वाली जेनेरिक दवाओं पर आयात शुल्क लगाए जाने की संभावना बहुत अधिक है. इसकी वजह इन देशों में टेवा और सैंडोज जैसी दवाओं की बड़ी मैन्युफैक्चरिंग क्षमताएं होना है. रिपोर्ट के अनुसार, ये कंपनियां भारतीय कंपनियों की तुलना में कम लाभ मार्जिन पर काम करती हैं और इसलिए टैरिफ से उन पर अधिक प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा.
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