भारत के रेजिडेंशियल प्रॉपर्टी मार्केट (Residential Property Market) में 2024 में 11 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई. जेएलएल की रिपोर्ट के मुताबिक, कुल 3,02,867 घर बिके, जो अब तक का सबसे ऊंचा वार्षिक बिक्री आंकड़ा है. 2025 में भी इस रफ्तार के जारी रहने की उम्मीद है. पोस्ट-पैंडेमिक दौर (2022-2024) के दौरान औसत वार्षिक बिक्री 2010-2019 के दशक के औसत से 63 प्रतिशत अधिक रही. यह दर्शाता है कि विभिन्न प्राइस सेगमेंट में घर खरीदने की प्रवृत्ति बढ़ी है.
₹1 करोड़ से ऊपर कीमत वाले अपार्टमेंट्स की बिक्री में 30 प्रतिशत सालाना वृद्धि दर्ज की गई, जो ग्राहकों की बढ़ती खर्च क्षमता को दर्शाता है. 2024 में मुंबई, बेंगलुरु और पुणे ने कुल बिक्री में 62 प्रतिशत का योगदान दिया. यह आंकड़ा 2023 की तुलना में 8 प्रतिशत अधिक है. बेंगलुरु और पुणे में आईटी सेक्टर की वृद्धि से घरों की मांग बढ़ी. मुंबई में बेहतर कनेक्टिविटी और प्रमुख क्षेत्रों में पुनर्विकास गतिविधियों से बिक्री में इजाफा हुआ.
2024 में करीब 3,02,000 नई आवासीय इकाइयां हुईं लॉन्च
2024 में करीब 3,02,000 नई आवासीय इकाइयां लॉन्च हुईं, जो अब तक की सबसे अधिक वार्षिक आपूर्ति है. नई लॉन्चिंग का 60 प्रतिशत हिस्सा मुंबई, बेंगलुरु और हैदराबाद में रहा. नई लॉन्चिंग में 30 प्रतिशत सालाना वृद्धि देखी गई, जिसका श्रेय स्थापित डेवलपर्स को दिया गया. 2024 की चौथी तिमाही में कुल 72,930 घरों की बिक्री हुई, जो 2023 की समान अवधि की तुलना में 3% कम रही. ₹3 करोड़ से अधिक कीमत वाले महंगे घरों ने तिमाही बिक्री में 14% का योगदान दिया. रिपोर्ट में 2024 के अंत तक अनसोल्ड घरों की इन्वेंटरी में साल-दर-साल 0.1% की कमी दर्ज की गई. अनसोल्ड घरों को बेचने में लगने वाला औसत समय 2023 की चौथी तिमाही में 26 महीने से घटकर 2024 में 22 महीने हो गया. यह निर्माणाधीन संपत्तियों की मजबूत मांग के कारण संभव हुआ.
आवासीय कीमतों में वृद्धि
दिल्ली-एनसीआर, मुंबई, चेन्नई, हैदराबाद, बेंगलुरु, पुणे और कोलकाता सहित शीर्ष सात शहरों में आवासीय कीमतों में साल दर साल 5 से 20% तक वृद्धि हुई है. दिल्ली-एनसीआर में 20% की सबसे अधिक वृद्धि दर्ज की गई, इसके बाद बेंगलुरु में 14% की वृद्धि रही. पूंजी मूल्य में वृद्धि आवासीय मांग में बढ़ोतरी और स्थिर नई आपूर्ति को दर्शाती है, जो आने वाले वर्ष में जारी रहने की संभावना है. JLL ने 2025 में मजबूत बाजार प्रदर्शन की उम्मीद जताई है, जो शहरीकरण, बुनियादी ढांचे के विकास और प्रीमियम आवास विकल्पों की बढ़ती मांग से समर्थित होगा. रिपोर्ट के अनुसार, यह विकास बदलती उपभोक्ता प्राथमिकताओं और अधिक Disposable आय के कारण हो रहा है.