IMF Growth Projection Data: विकास दर के मामले में भारत के आसपास किसी भी देश की अर्थव्यवस्था नजर नहीं आ रही है. भारत ने ग्रोथ रेट के मामले में चाहे वह विकसित देश अमेरिका हो या एशिया का इकोनॉमिक जयंट चीन, दोनों को ही लगातार पछाड़ा है. दुनियाभर की अर्थव्यवस्था में भारत का दबदबा आगामी समय में भी बरकरार रहने वाला है. इस बात की जानकारी अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने अपनी रिपोर्ट में दी है. आईएमएफ ने अपने ताजा अनुमान के अनुसार कहा है कि भारत की इकॉनोमिक ग्रोथ रेट अब 7 प्रतिशत रहने की उम्मीद है. यह अप्रैल में अनुमान लगाए गए 6.8 प्रतिशत से ज्यदा है.
भारत की जीडीपी ग्रोथ चीन से आगे
आईएमएफ ने जुलाई 2024 के लिए ग्लोबल ग्रोथ रेट का अनुमान सार्वजनिक किया है. इस साल आईएमएफ ने चीन के लिए अपने वृद्धि अनुमान को बढ़ाकर 5.0 प्रतिशत कर दिया है. जबकि अप्रैल में यह दर 4.6 प्रतिशत था. हालांकि, यह अनुमान 2023 के 5.2 प्रतिशत से कम है. इस तरह भारत की जीडीपी ग्रोथ चीन से आगे रहने वाली है. इसके साथ ही भारत दुनिया में सबसे तेज रफ्तार से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था बना रहेगा.
आर्थिक परिदृश्य को किया बेहतर
अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष ने इस साल के लिए चीन, भारत और यूरोप के लिए अपने आर्थिक परिदृश्य को बेहतर किया है. वहीं अमेरिका और जापान के मामले में आर्थिक अनुमान मामूली रूप से कम किया है. हालांकि, आईएमएफ ने अपने रिपोर्ट में यह भी बताया कि बढ़ती कीमतों के खिलाफ दुनियाभर में प्रगति धीमी हुई है. इसका कारण हवाई यात्रा से लेकर रेस्टोरेंट में भोजन करने जैसी सर्विस की महंगाई है. मंगलवार को आईएमएफ ने कहा कि उसे अब भी उम्मीद है कि इस साल विश्व अर्थव्यवस्था 3.2 प्रतिशत की दर से बढ़ेगी. यह अप्रैल में अनुमानित उसके पिछले अनुमान के समान है, जबकि 2023 की 3.3 फीसदी की वृद्धि से कम है.
लगभग आधी होगी चीन-भारत की हिस्सेदारी
महामारी से पहले 2000 से 2019 तक, आर्थिक गतिविधियों में वृद्धि के वजह से वैश्विक वृद्धि दर सालाना औसतन 3.8 प्रतिशत रही थी. दुनिया के 190 देशों को ऋण देने वाला अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष आर्थिक विकास और वित्तीय स्थिरता को बढ़ावा देने तथा वैश्विक गरीबी को कम करने के लिए काम करता है. विश्व आर्थिक परिदृश्य के लेटेस्ट आंकड़े के साथ आईएमएफ के मुख्य अर्थशास्त्री पियरे-ओलिवियर गौरींचस ने लिखा है कि साल 2024 में वैश्विक आर्थिक वृद्धि में भारत और साभभी चीन की हिस्सेदारी लगभग आधी होगी. इसके पीछे का वजह 2024 की शुरुआत में चीनी निर्यात में बढ़ोत्तरी है.
भारत की जीडीपी ग्रोथ बढ़ने का कारण
इस साल भारत की विकास दर 7 प्रतिशत रहने वाली है. यह अप्रैल में जारी अनुमान से 0.2 प्रतिशत अधिक है. वहीं बात करें चीन की तो इस साल इसकी वृद्धि दर का अनुमान 5 प्रतिशत रखा गया है जो पिछले अनुमान से 0.4 प्रतिशत अधिक है. विश्व आर्थिक संगठन आईएमएफ के मुताबिक, इसका एक कारण ग्रामीण क्षेत्रों में मजबूत उपभोक्ता खर्च है. वहीं अमेरिका के मामले में इस साल के लिए वृद्धि दर अनुमान को घटाकर 2.6 प्रतिशत कर दिया गया. जबकि अप्रैल में इसके 2.7 प्रतिशत रहने की संभावना जतायी गयी थी.
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