यह किसी एक कैलेंडर वर्ष में सबसे अधिक संख्या में IPO को दर्शाता है, जो भारत के पूंजी बाजारों में निवेशकों के बढ़ते विश्वास को दर्शाता है। वैश्विक स्तर पर साल 2024 में कुल 1,145 आईपीओ लॉन्च किए गए, जबकि पिछले वर्ष 2023 में 1,271 आईपीओ लॉन्च किए गए थे।
चार्ट में भारत ने शीर्ष स्थान किया हासिल
चार्ट में भारत ने शीर्ष स्थान हासिल किया, एनएसई ने कहा, इसने 268 कंपनियों को आईपीओ के लिए जाने में मदद की, जिसमें भारत का सबसे बड़ा आईपीओ और हुंडई मोटर इंडिया लिमिटेड का 3.3 बिलियन अमरीकी डॉलर का वैश्विक स्तर पर दूसरा सबसे बड़ा आईपीओ शामिल है।
एसएमई ने सामूहिक रूप से जुटाए करीब ₹7,349 करोड़
एसएमई ने सामूहिक रूप से करीब ₹7,349 करोड़ (USD 0.86 बिलियन) जुटाए। वहीँ, एनएसई के मुख्य व्यवसाय विकास अधिकारी (सीबीडीओ) श्रीराम कृष्णन ने कहा, “इस कैलेंडर वर्ष के दौरान आईपीओ की रिकॉर्ड संख्या भारतीय अर्थव्यवस्था की लचीलापन और क्षमता को उजागर करती है।”
सार्वजनिक बाजारों के मूल्य को पहचान रही कंपनियां
“विभिन्न क्षेत्रों की कंपनियां अपनी विकास रणनीतियों का समर्थन करने के लिए सार्वजनिक बाजारों के मूल्य को पहचान रही हैं।” श्रीराम कृष्णन ने कुछ आंकड़ों का हवाला देते हुए कहा, एनएसई ने अकेले एशिया के अन्य शीर्ष एक्सचेंजों की तुलना में अधिक संख्या में आईपीओ किए हैं, जिसमें जापान (जापान एक्सचेंज ग्रुप), हांगकांग (हांगकांग स्टॉक एक्सचेंज) और चीन (शंघाई स्टॉक एक्सचेंज) के आईपीओ शामिल हैं।
कई कंपनियों ने अपने शेयरों को सूचीबद्ध करने का किया इरादा
एनएसई ने कहा, 2025 में वह अधिक पूंजी जुटाने और व्यवसायों को समर्थन देने के लिए अपने प्लेटफॉर्म को मजबूत करने के लिए प्रतिबद्ध है। भारत के तेजी से बढ़ते शेयर बाजार में अवसरों का लाभ उठाते हुए, कई कंपनियों ने अपने शेयरों को सूचीबद्ध करने का इरादा किया और उनमें से काफी संख्या में कंपनियों ने अच्छा मुनाफा कमाया है। प्रारंभिक सार्वजनिक पेशकश उस प्रक्रिया को संदर्भित करता है जिसमें कंपनियां निवेशकों से इक्विटी पूंजी जुटाने के लिए अपने शेयर जनता को बेचती हैं।
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