मेडिकल सीट में बढ़ोतरी होने से छात्रों का विदेशों की तरफ कम होगा रुख: विशेषज्ञ

Shivam
Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)

केंद्रीय बजट में सरकार की अगले साल मेडिकल कॉलेज में 10,000 अतिरिक्त सीट बढ़ाने की घोषणा का शिक्षा क्षेत्र के जानकारों और हितधारकों ने स्वागत करते हुए कहा है कि इस कदम से विदेश जाने वाले मेडिकल छात्रों की संख्या में कमी आएगी. बजट में शिक्षा क्षेत्र के लिए की गई बड़ी घोषणाओं में पांच नये भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थानों (आईआईटी) में 6,500 अतिरिक्त छात्रों की शिक्षा की सुविधा के लिए बुनियादी ढांचे का विस्तार, मेडिकल की 10,000 नयी सीट और शिक्षा के लिए एआई उत्कृष्टता केंद्र स्थापित करने के लिए 500 करोड़ रुपये का आवंटन शामिल है.

सरकार मेडिकल कॉलेजों में 75,000 सीटें जोड़ने की बना रही योजना

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने शनिवार को घोषणा की कि सरकार अगले 5 वर्षों में मेडिकल कॉलेजों में 75,000 सीटें जोड़ने की योजना बना रही है. इंडिया एडटेक कंसोर्टियम (IEC) ने कहा कि स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र की आवश्यकताओं को पूरा करने के साथ-साथ अन्य देशों में छात्रों के पलायन को कम करने के लिए मेडिकल कॉलेजों में सीटें बढ़ाना तत्काल आवश्यक है.

क्‍या बोले विशेषज्ञ ?

फिजिक्सवाला (पीडब्लू) के सह-संस्थापक और इंडियन एडटेक कंसोर्टियम (आईईसी) के अध्यक्ष प्रतीक माहेश्वरी ने कहा, “पांच वर्षों में 75,000 अतिरिक्त मेडिकल सीटें अन्य देशों में मेडिकल छात्रों के पलायन को कम करने में एक महत्वपूर्ण कदम है, क्योंकि 23 लाख से अधिक छात्र एनईईटी के लिए उपस्थित होते हैं, लेकिन केवल 1.1 लाख सीटें उपलब्ध हैं.”

संसद में पेश किए गए 2024-25 के आर्थिक सर्वेक्षण में कहा गया है कि चिकित्सा शिक्षा के लिए अवसरों की उपलब्धता भौगोलिक रूप से विषम प्रतीत होती है, यह इस तथ्य से स्पष्ट है कि 51 प्रतिशत स्नातक सीटें और 49 प्रतिशत स्नातकोत्तर सीटें दक्षिणी राज्यों में हैं. इसके अलावा, उपलब्धता शहरी क्षेत्रों के पक्ष में है, जहाँ शहरी से ग्रामीण डॉक्टर घनत्व अनुपात 3.8:1 है.

सर्वेक्षण में कहा गया है कि भारत में प्रैक्टिस करने के लिए योग्यता परीक्षा में विदेशी मेडिकल स्नातकों (एफएमजी) का बहुत कम उत्तीर्ण प्रतिशत, विदेशों में चिकित्सा शिक्षा की घटिया गुणवत्ता को दर्शाता है, जिसमें नैदानिक प्रशिक्षण का अभाव भी शामिल है. सर्वेक्षण में यह भी सिफारिश की गई है कि विदेश में चिकित्सा शिक्षा को हतोत्साहित करने के लिए नीतिगत हस्तक्षेप तैयार किए जाने के साथ ही भारत में लागत को उचित सीमा के भीतर रखना भी आवश्यक है.

शैक्षिक संस्थानों सहित संगठनों के लिए कार्यकारी खोज और नेतृत्व सलाहकार फर्म एम्रॉप इंडिया की प्रबंध साझेदार प्रीति कुमार ने कहा कि शिक्षा के लिए बजट आवंटन में वृद्धि, विशेष रूप से आईआईटी, मेडिकल कॉलेजों और अस्पतालों में क्षमता विस्तार पर ध्यान केंद्रित करना, निश्चित रूप से भारत के उच्च शिक्षा पारिस्थितिकी तंत्र में सुधार के लिए एक रणनीतिक प्रयास की ओर इशारा करता है.

प्रीति कुमार ने कहा, “लेकिन, जहां भौतिक बुनियादी ढांचे का विस्तार किया जा रहा है, वहीं नए कार्यक्रमों और संस्थानों की मांग को पूरा करने के लिए उच्च गुणवत्ता वाले संकाय की और भी अधिक आवश्यकता है.”

मोनिका मल्होत्रा कंधारी, एमडी, अशोका (एमबीडी ग्रुप) ने कहा कि अगले पांच वर्षों में 75,000 तक पहुंचने के लक्ष्य के साथ 10,000 मेडिकल कॉलेज सीटों को जोड़ने से स्वास्थ्य शिक्षा और कार्यबल क्षमता में उल्लेखनीय वृद्धि होगी.

बीआईटी मेसरा, रांची के कुलपति इंद्रनील मन्ना ने शिक्षा क्षेत्र के लिए बजट में की गई घोषणाओं का स्वागत किया, लेकिन कहा कि मौजूदा बजट में निजी शिक्षण संस्थानों पर अतिरिक्त ध्यान देने से इस क्षेत्र को बढ़ावा मिलेगा, क्योंकि सरकारी संस्थानों की तुलना में निजी संस्थानों में नामांकन लेने वाले छात्रों की संख्या अधिक है.

इंद्रनील मन्ना ने कहा, “ये उपाय, डिजिटल शिक्षा और अनुसंधान फेलोशिप पर जोर के साथ मिलकर, निश्चित रूप से भारत को वैश्विक ज्ञान और नवाचार केंद्र बनने की दिशा में आगे बढ़ाएंगे.” अमृता विश्व विद्यापीठम के कुलपति डॉ. वेंकट रंगन ने कहा कि अगले पांच वर्षों में 75,000 स्नातक चिकित्सा सीटें जुड़ने से स्वास्थ्य शिक्षा और पहुंच में उल्लेखनीय वृद्धि होगी.

ओडिशा के सेंचुरियन विश्वविद्यालय की कुलपति सुप्रिया पटनायक ने मेडिकल कॉलेजों और अस्पतालों में सीटों की संख्या बढ़ाने की योजना का स्वागत किया, क्योंकि यह देश भर में स्वास्थ्य सेवा को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी. देश भर के मेडिकल कॉलेजों में 1.10 लाख से ज़्यादा MBBS सीटें उपलब्ध हैं. 2024 में मेडिकल प्रवेश परीक्षा- NEET UG के लिए रिकॉर्ड 25 लाख से ज़्यादा उम्मीदवार शामिल हुए थे.

हर साल, विदेशी चिकित्सा स्नातक परीक्षा (FMGE) में अलग-अलग संख्या में उम्मीदवार शामिल होते हैं. FMGE 2024 दिसंबर सत्र के लिए, कुल 13,149 उम्मीदवारों ने परीक्षा पास की, जबकि FMGE परीक्षा में शामिल होने वाले कुल उम्मीदवारों की संख्या 44,392 थी.

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