भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच आर्थिक सहयोग और व्यापार समझौता (Ind-Aus ECTA) को रविवार को दो साल पूरे हो गए. इस समझौते ने वित्तीय वर्ष 2023-24 में भारत के निर्यात में 14% की वृद्धि की है, हालांकि यह 2021-22 के निर्यात से अभी भी कम है. वाणिज्य मंत्रालय के बयान के मुताबिक, ECTA के हस्ताक्षर के बाद द्विपक्षीय व्यापार में दोगुने से ज्यादा वृद्धि हुई है. 2020-21 में यह व्यापार $12.2 बिलियन था, जो 2022-23 में बढ़कर $26 बिलियन हो गया.
भारत के निर्यात में दर्ज की गई 14% की वृद्धि
हालांकि, 2023-24 में कुल व्यापार $24 बिलियन पर आ गया, जिसमें भारत के निर्यात में 14% की वृद्धि दर्ज की गई. अप्रैल-नवंबर 2024 के दौरान द्विपक्षीय व्यापार $16.3 बिलियन तक पहुंच गया है. ECTA के बाद भारत का व्यापार घाटा 2021-22 में $8.5 बिलियन से बढ़कर 2022-23 में $12 बिलियन हो गया था. लेकिन 2023-24 में यह $8.2 बिलियन तक कम हो गया.
इस समझौते के बाद वस्त्र, रसायन, और कृषि उत्पादों के निर्यात में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है. इसके अलावा, हीरे जड़े सोने और टर्बोजेट्स जैसे नए उत्पादों का निर्यात भी शुरू हुआ, जो व्यापार में विविधता को दर्शाता है.
ऑस्ट्रेलिया से आयात
भारत ने ऑस्ट्रेलिया से मुख्य रूप से कच्चे माल, जैसे धातु अयस्क, कपास, लकड़ी और लकड़ी के उत्पाद आयात किए. वाणिज्य मंत्रालय का कहना है कि इन आयातों ने भारतीय उद्योगों को मजबूती दी है और इस साझेदारी को फायदेमंद बनाया है. दोनों देश ECTA से बने व्यापारिक गति को आगे बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध हैं और 2030 तक द्विपक्षीय व्यापार को AUD 100 बिलियन तक पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया है.