2031 तक भारत दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था… RBI का बड़ा दावा

Raginee Rai
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Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)
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India GDP Growth: भारत की अर्थव्‍यवस्‍था जिस रफ्तार से ग्रोथ कर रही है उससे पूरी दुनिया हैरान है. आर्थिक विकास को लेकर भारत की ताकत का लोहा पूरी दुनिया ने माना है. देश की मजबूत बुनियाद और खुद की क्षमता को देखते हुए भारत 2031 तक दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था हो सकती है. वहीं 2060 तक दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की उपलब्धि हासिल कर सकती है. भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के डिप्टी गवर्नर माइकल देवव्रत पात्रा ने ऐसा दावा किया. उन्होंने कहा कि इसके लिए भारत को बुनियादी ढांचे, श्रम उत्पादकता, सकल घरेलू उत्पाद में विनिर्माण क्षेत्र का योगदान और टिकाऊ ग्रोथ के लिए अर्थव्यवस्था को हरित बनाने से जुड़ी कई चुनौतियों को पार करना होगा.

2031 तक ही दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था

डी पात्रा ने कहा कि मैंने जिन शक्तियों का जिक्र किया है और अपने आकांक्षी लक्ष्यों को पाने संकल्प को देखते हुए, यह कल्पना करना संभव है कि भारत अगले दशक में 2048 तक नहीं, बल्कि 2031 तक दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा और 2060 तक सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था होगा.

उन्‍होंने कहा कि वित्त वर्ष 2023-24 में भारत मौजूदा एक्सचेंज रेट के हिसाब से 3.6 ट्रिलियन डॉलर इकोनॉमी बन गया है. भारत का प्रति व्यक्ति आय 2,07,030 रुपये यानी 2500 डॉलर है. उसके हिसाब से भारत निम्‍न मध्‍यम आय के ग्रुप के देशों में शामिल है. इस उपलब्धि को हासिल करना इंवेटफुल रहा है. 8 प्रतिशत के वृद्धि दर के साथ भारत दुनिया के सबसे तेज गति से ग्रोथ करने वाला देश है. माइकल पात्रा ने बताया कि ऐसा अनुमान है कि यदि भारत अगले दस साल में 9.6 प्रतिशत प्रति वर्ष की दर से ग्रोथ करता है, तो यह लोअर मिडिल इनकम के ट्रैप से बाहर हो जाएगा और एक विकसित अर्थव्यवस्था बन सकता है.

प्रति व्यक्ति आय को बढ़ाना होगा 

डिप्‍टी गवर्नर ने कहा कि इसका प्रभाव प्रति व्यक्ति आय में भी दिखना चाहिए. हालांकि, 2047 तक, विकसित देश के लिए प्रति व्यक्ति की आय बढ़ाकर 34,000 अमेरिकी डॉलर तक करनी होगी. उन्होंने कहा कि मार्केट में तय वर्तमान विनिमय दरें अस्थिरता के दौर से गुजर रही हैं. इसलिए राष्ट्रीय मुद्राओं में मापी गई जीडीपी की तुलना दूसरे देश से नहीं की जा सकती. ऐसे में एक वैकल्पिक तरीका क्रय शक्ति समता (पीपीपी) है. यह हर देश में औसतन वस्तुओं और सेवाओं की कीमत से जुड़ी है.

अभी दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था

डिप्‍टी गर्वनर पात्रा ने बताया कि पीपीपी के आधार पर तुलना करें तो स्थिति नाटकीय रूप से बदल जाती है. इस आधार पर भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है. आर्थिक सहयोग और विकास संगठन (OECD) का अनुमान है कि PPP के संदर्भ में भारत 2048 तक अमेरिका को पीछे छोड़कर दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा.

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