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The Printlines (Part of Bharat Express News Network)
भारत अब एक आकर्षक बाजार बनता जा रहा है, जो वैश्विक उपभोक्ता उत्पाद कंपनियों को अच्छा मुनाफा देते हुए अपनी पिछली छवि को बदल रहा है. गुरुवार को आई एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई. भारत की सहयोगी कंपनियां कुछ प्रमुख बहुराष्ट्रीय कंपनियों (MNC) के लिए अपने ग्लोबल पैरेंट कंपनियों की तुलना में दो से छह गुना के बीच कुल शेयरधारक रिटर्न देती हैं.
बेन एंड कंपनी की रिपोर्ट के मुताबिक, 100 मिलियन डॉलर के भारतीय राजस्व योगदान वाली कंपनियों पर ध्यान देने से जानकारी मिलती है कि 60% भारतीय सहयोगी कंपनियों का राजस्व उनकी पैरेंट कंपनियों की वृद्धि दर से कम से कम दोगुना है. भारत में बेन के कंज्यूमर प्रोडक्ट प्रैक्टिस के प्रमुख रवि स्वरूप ने कहा, भारत में पहले से निवेश करने वाली कंपनियों को विकास, उच्च शेयरधारक रिटर्न और वैश्विक रूप से प्रासंगिक उत्पादों को आकार देने के अवसरों का लाभ मिल रहा है.
रवि स्वरूप ने कहा कि जिन बहुराष्ट्रीय कंपनियों ने बाजार में प्रवेश नहीं किया है, उन्हें अभी कार्रवाई करनी चाहिए। अगर वे ऐसा नहीं करती हैं तो उन्हें विकास और लॉन्ग टर्म रणनीतिक लाभ से चूकना पड़ सकता है. पिछले दशक में उभरते बाजारों में भारत उपभोक्ता उत्पादों की वृद्धि में तीसरा सबसे बड़ा योगदानकर्ता रहा है.अगले 5-6 वर्षों में देश वैश्विक स्तर पर कामकाजी आयु वर्ग की आबादी में सबसे अधिक वृद्धि दर्ज करेगा। साथ ही टॉप पांच उभरते उपभोक्ता उत्पादों के बाजारों में प्रति व्यक्ति आय में सबसे तेज वृद्धि देखेगा, जिसमें चीन, ब्राजील, मैक्सिको और रूस जैसे देशों के नाम भी शामिल होंगे.
भारत को पारंपरिक रूप से बहुराष्ट्रीय कंपनियों के लिए एक कठिन बाजार माना जाता रहा है। बावजूद इसके देश ने बाधाओं को दूर कर तेजी से सुधार किए हैं. तेजी से डिजिटल तकनीक अपनाने, स्मार्टफोन और इंटरनेट की व्यापक पहुंच ने कंपनियों को भारत की विविध आबादी तक प्रभावी ढंग से पहुंचने में सक्षम बनाया है. रिपोर्ट के मुताबिक, ई-कॉमर्स और क्विक कॉमर्स पारंपरिक और आधुनिक व्यापार चैनलों की तुलना में 2-3 गुना तेजी से बढ़े हैं, जिससे बाजार में प्रवेश करने के लिए व्यापक पारंपरिक व्यापार नेटवर्क की आवश्यकता कम हो गई है.
डिजिटल पेमेंट भी लोकप्रियता प्राप्त कर रहे हैं, इसे 45 प्रतिशत इंटरनेट यूजर्स लेनदेन के लिए अपना रहे हैं. एशिया-प्रशांत क्षेत्र में बेन स्ट्रैटेजी प्रैक्टिस के प्रमुख निखिल ओझा ने कहा, हम एक ऐसा बाजार देख रहे हैं, जहां पुराने और नए खिलाड़ी दोनों ही बेहतर प्रदर्शन कर सकते हैं, लेकिन ऐसा तभी होगा, जब वे अपने दृष्टिकोण को वास्तव में भारत-केंद्रित बनाएंगे.