भारत आधार, यूपीआई और अब ओपन नेटवर्क फॉर डिजिटल कॉमर्स (ONDC) जैसी डिजिटल सार्वजनिक बुनियादी ढांचे (DPI) पहल के माध्यम से पहुंच को लोकतांत्रिक बनाने में दुनिया का नेतृत्व कर रहा है, जो प्रति दिन करीब 0.5 मिलियन लेनदेन के साथ तेजी से स्वीकृति प्राप्त कर रहा है, ओएनडीसी गैर-कार्यकारी अध्यक्ष आरएस शर्मा (RS Sharma) ने टीओआई को बताया. इस साल सितंबर में ONDC की कमान संभालने वाले आरएस शर्मा ने ओएनडीसी को परिवर्तनकारी बताते हुए कहा, “हम प्रतिदिन लगभग आधा मिलियन लेनदेन और प्रति माह लगभग 15 मिलियन लेनदेन कर रहे हैं.
ओएनडीसी एक तरह से एक अत्यंत परिवर्तनकारी प्रयास है, क्योंकि यह डिजिटल कॉमर्स का एक नया प्रतिमान है. हमने इसे प्रोटोकॉल-आधारित बनाया है और मालिकाना प्रोटोकॉल के माध्यम से, हमने इसे अनबंडल किया है और खरीदारों और विक्रेताओं को एक ही मंच पर लाया है.” उन्होंने बताया कि ओएनडीसी ने न केवल लोकतंत्रीकरण किया है, बल्कि सभी प्रकार की वस्तुओं और सेवाओं की बिक्री से लॉजिस्टिक्स को भी अलग कर दिया है. वह सब कुछ जिसे सूचीबद्ध किया जा सकता है और नेटवर्क पर लेनदेन किया जा सकता है. आज, बहुत से लोग इसे नहीं समझते हैं, जैसे लोग नहीं समझते थे आधार को समझें और लोगों को शुरुआत में यूपीआई समझ में नहीं आया,”
यहां ‘अल्गोरंड इंडिया समिट 2024’ से इतर बोलते हुए शर्मा ने डिजिटल दुनिया की एकाधिकारवादी प्रकृति की ओर इशारा किया. “केवल एक गूगल, एक व्हाट्सएप, एक फेसबुक और केवल कुछ मोबाइल ऑपरेटिंग सिस्टम हैं. हम ऐसे सिस्टम या समाधान नहीं चाहते हैं जो कुछ व्यक्तियों या संस्थाओं को शक्तियां प्रदान करते हैं. इसलिए इस देश के लिए समाधान होना चाहिए मितव्ययी और लोकतांत्रिक जहां प्रवेश बाधाएं कम हैं, ताकि हर किसी को पहुंच मिल सके, आज डीपीआई एक आम शब्द बन गया है और भारत इसका नेतृत्व कर रहा है.”