अब यूरोप, ऑस्ट्रेलिया और सऊदी अरब को रेलवे उपकरण निर्यात कर रहा है भारत: अश्विनी वैष्णव

Shivam
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Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)
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रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने सोमवार को संसद में कहा कि मेट्रो कोच से लेकर ऑस्ट्रेलिया, लोकोमोटिव से लेकर म्यांमार और बांग्लादेश, पैसेंजर कोच से लेकर मोजाम्बिक और श्रीलंका तक, भारतीय रेलवे की वैश्विक पहुंच बढ़ रही है, क्योंकि रेल उपकरणों के निर्यात में उछाल आया है. उन्होंने कहा कि भारत कई यूरोपीय देशों को प्रोपल्शन सिस्टम और बोगी या अंडरफ्रेम जैसे अन्य रेल उपकरण भी सप्लाई कर रहा है. उन्‍होंने राज्यसभा में रेल बजट पर चर्चा के दौरान कहा, “आज हमारे देश से मेट्रो कोच ऑस्ट्रेलिया को निर्यात किए जा रहे हैं.
लोकोमोटिव और कोच के नीचे की यांत्रिक संरचना, जिसे बोगी या अंडरफ्रेम कहा जाता है, यूनाइटेड किंगडम, सऊदी अरब, फ्रांस और ऑस्ट्रेलिया को निर्यात की जा रही है. इसके साथ ही पावर इलेक्ट्रॉनिक्स का एक महत्वपूर्ण हिस्सा प्रोपल्शन सिस्टम अब फ्रांस, मैक्सिको, रोमानिया, स्पेन, जर्मनी और इटली को निर्यात किया जा रहा है. यह बहुत गर्व की बात है.” उन्होंने आगे कहा कि यात्री डिब्बों को मोजाम्बिक, बांग्लादेश और श्रीलंका को निर्यात किया जा रहा है. इसी तरह, भारतीय इंजनों को मोजाम्बिक, सेनेगल, श्रीलंका, म्यांमार और बांग्लादेश भेजा जा रहा है.
वैष्णव ने यह भी घोषणा की कि बिहार के सारण जिले में सार्वजनिक निजी भागीदारी (पीपीपी) मोड उत्पादन इकाई मरहोरा कारखाने में निर्मित इंजनों को निकट भविष्य में निर्यात किया जाएगा. मंत्री ने आगे कहा, “बिहार में निकट भविष्य में, मरहौरा फैक्ट्री, जिसकी घोषणा लालू यादव (तत्कालीन रेल मंत्री) ने की थी और जिसे 2014 में नरेंद्र मोदी के सत्ता में आने के बाद गति मिली, जल्द ही 100 से अधिक इंजनों का निर्यात करेगी. इस प्रकार, बिहार में बने इंजन दुनिया भर में जाएंगे.” उन्होंने आगे कहा कि निकट भविष्य में तमिलनाडु से जाली पहियों का निर्यात किया जाएगा. हाल ही में रेलवे पर संसदीय स्थायी समिति ने भी इच्छा व्यक्त की कि भारतीय रेलवे को रोलिंग स्टॉक की स्वदेशी मांग को पूरा करने पर कोई समझौता किए बिना राजस्व बढ़ाने के लिए रेल घटकों के निर्यात में अपने व्यवसाय संचालन का विस्तार करना चाहिए.
समिति की रिपोर्ट के मुताबिक, रेलवे ने 2022 और 2023 के दौरान मोजाम्बिक और श्रीलंका को 608.70 करोड़ रुपये के रोलिंग स्टॉक – लोकोमोटिव और पैसेंजर कोच – निर्यात किए। 2024 में रोलिंग स्टॉक का कोई निर्यात नहीं हुआ. 2022 में, भारतीय रेलवे ने बनारस लोकोमोटिव वर्क्स (बीएलडब्ल्यू) वाराणसी में निर्मित एक 3000 एचपी डीजल इलेक्ट्रिक लोकोमोटिव, 30.59 करोड़ रुपये और मॉडर्न कोच फैक्ट्री, रायबरेली में निर्मित 293.32 करोड़ रुपये के 58 पैसेंजर कोच और पांच डीजल इलेक्ट्रिक मल्टीपल यूनिट (डीईएमयू) सेट (प्रत्येक डीईएमयू सेट में छह कोच शामिल हैं) मोजाम्बिक को आपूर्ति की. उसी वर्ष, रेलवे ने 164.77 करोड़ रुपये की लागत से श्रीलंका को 40 ब्रॉड गेज पैसेंजर कोच निर्यात किए. 2023 में भी रेलवे ने मोजाम्बिक को 120 करोड़ रुपये से अधिक के यात्री कोच निर्यात किए.
रेल मंत्री ने कहा कि वित्त वर्ष 2025 में रेलवे 1.6 बिलियन टन माल का परिवहन करेगा, जिससे यह चीन और अमेरिका के साथ दुनिया के शीर्ष तीन मालवाहकों में से एक बन जाएगा. नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर हाल ही में हुई घटना के संबंध में रेल मंत्री ने सदन को बताया कि सभी सीसीटीवी फुटेज और प्रासंगिक डेटा सुरक्षित कर लिए गए हैं तथा तथ्यों की पुष्टि के लिए लगभग 300 व्यक्तियों से पूछताछ की गई है.
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