G20 Talent Visa: गृह मंत्रालय ने भारत को वैश्विक शैक्षणिक और तकनीकी सहयोग का केंद्र बनाने के उद्देश्य से G20 टैलेंट वीजा को मंजूरी दे दी है. यह वीजा G20 देशों के विद्वानों, शोधकर्ताओं और पेशेवरों को भारत के वैज्ञानिक और शैक्षणिक क्षेत्र को मजबूत बनाने के लिए आमंत्रित करेगा. यह पहल पीएम मोदी के उस प्रस्ताव के अनुरूप है, जो उन्होंने सितंबर में आयोजित G20 शिखर सम्मेलन में दिया था.
उन्होंने विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में शीर्ष प्रतिभाओं के लिए अवसर पैदा करने की आवश्यकता पर बल दिया था. शिखर सम्मेलन में पीएम मोदी ने कहा था, “जैसे हर देश अलग-अलग प्रकार के वीजा जारी करता है, वैसे ही हम ‘G20 Talent Visa’ को एक विशेष श्रेणी के रूप में स्थापित कर सकते हैं. यह वीजा हमारे शीर्ष वैज्ञानिक और प्रौद्योगिकी विशेषज्ञों के लिए वैश्विक अवसरों का रास्ता खोल सकता है. उनकी प्रतिभा और प्रयास हमारी अर्थव्यवस्थाओं के लिए बेहद लाभकारी हो सकते हैं.”
वैश्विक नवाचार को बढ़ावा देगा G20 टैलेंट वीजा
G20 टैलेंट वीजा का उद्देश्य भारत के शिक्षण संस्थानों में उत्कृष्ट प्रतिभाओं को आकर्षित करना है. यह वीजा नवाचार को बढ़ावा देगा और प्रमुख क्षेत्रों में प्रगति को तेज करेगा. इस वीजा को छात्र वीजा ढांचे के S-5 उप-श्रेणी में रखा गया है. यह वीजा पोस्ट-डॉक्टोरल शोध, शैक्षणिक परियोजनाओं, फेलोशिप और विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रमों में भाग लेने के लिए बनाया गया है. G20 देशों से उच्च-स्तरीय प्रतिभाओं को आकर्षित करने के लिए इसे डिजाइन किया गया है.
यूजीसी (UGC) को देशभर के उच्च शिक्षण संस्थानों में इस वीजा को बढ़ावा देने की जिम्मेदारी सौंपी गई है. यूजीसी ने संस्थानों से अपील की है कि वे इस वीजा की जानकारी अपने स्टेकहोल्डर्स, फैकल्टी और शोधकर्ताओं तक पहुंचाएं, ताकि अधिक से अधिक लोग इसका लाभ उठा सकें. यह वीजा अंतरराष्ट्रीय विद्वानों और शोधकर्ताओं को भारत में विभिन्न शैक्षणिक और शोध से संबंधित गतिविधियों में भाग लेने की अनुमति देगा. इसका मुख्य उद्देश्य विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग और अकादमिक क्षेत्र में सीमा-पार सहयोग को बढ़ावा देना है.