भारत में आईफोन प्रोडक्शन तेजी से बढ़ रहा है. हालांकि, अभी भी भारत बिक्री और आय के मामले में चीन से काफी पीछे है. FY24 में, एप्पल ने भारत से $8 अरब का राजस्व कमाया, जो उसकी वैश्विक आय $391 अरब का सिर्फ 2 प्रतिशत है. इसके मुकाबले, चीन से कंपनी ने $66.95 अरब यानी 17 प्रतिशत राजस्व कमाया. वित्तीय वर्ष 2026 तक भारत का राजस्व $11 अरब तक पहुंचने का अनुमान है.
वित्तीय वर्ष 2024 में भारत में बने iPhones ने एप्पल की वैश्विक उत्पादन क्षमता का 14-15 प्रतिशत योगदान दिया. विशेषज्ञों का मानना है कि 2027 तक यह आंकड़ा 26-30 प्रतिशत तक पहुंच सकता है. फिलहाल चीन और भारत एप्पल के मुख्य iPhone निर्माण केंद्र हैं. भारत में बने 70 प्रतिशत iPhones का निर्यात किया जाता है. यह आंकड़ा जल्द ही 80-85 प्रतिशत तक बढ़ने की उम्मीद है. एप्पल ने 2020 में भारत को एक बड़े उत्पादन और निर्यात केंद्र के रूप में विकसित करना शुरू किया. इसका मकसद चीन पर निर्भरता कम करना और वैश्विक मांग को पूरा करना था.
भारत में iPhone का मार्केट शेयर
भारत, दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा मोबाइल बाजार है. इसके बावजूद, iPhones की हिस्सेदारी सिर्फ 6-7 प्रतिशत है. बाकी 94 प्रतिशत बाजार पर एंड्रॉइड स्मार्टफोन का कब्जा है, जिनमें सैमसंग, ओप्पो, वीवो और श्याओमी जैसे ब्रांड शामिल हैं. विशेषज्ञों का कहना है कि एप्पल के पास भारत में अपनी बिक्री और बाजार हिस्सेदारी बढ़ाने का बड़ा मौका है. भारत में iPhones की बिक्री एप्पल के कुल राजस्व का 65-70 प्रतिशत है. जबकि, MacBook और अन्य उत्पादों की मांग भी धीरे-धीरे बढ़ रही है.
चीन के बराबर पहुंचने की ओर है भारत में iPhone निर्माण की गति
भारत में iPhone निर्माण की गति चीन के बराबर पहुंचने की ओर है. अगले पांच वर्ष में उत्पादन में बराबरी संभव है. हालांकि, बिक्री और आय के मामले में चीन को पकड़ने में भारत को 10-15 वर्ष लग सकते हैं. कम प्रति व्यक्ति आय और भारी कीमतें भारत में एप्पल की तेजी से बढ़ती सफलता के सामने प्रमुख चुनौतियां हैं.