Budget 2025: चीनी खिलौना बाजार की दुनिया से बादशाहत खत्म करने के लिए मोदी सरकार ने बजट 2025 में खिलौने का ग्लोबल सेंटर बनाने का ऐलान कर दिया है. केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज संसद में लगातार अपना आठवां बजट पेश किया है. उन्होंने भारत को खिलौना हब बनाने का बजट पेश किया है. बजट में खिलौने के निर्माण और उत्पादन को बढ़ावा देने की घोषणा की गई है.
चीन की बढ़ सकती है टेंशन
इस घोषणा के बाद अब पूरे देश में खिलौना इंडस्ट्री को बढ़ावा मिलेगा. मेक इन इंडिया खिलौने अब दुनियाभर के खिलौना बाजार पर राज करेंगे. इससे चीन की टेंशन बढ़ सकती है. दरअसल, अभी तक चीन के खिलौना बाजार का दुनियाभर में दबदबा है. चीन सबसे बड़ा खिलौना उत्पादक देश है. लेकिन अब भारत चीन को इस मामले में पछाड़ने वाला है. मोदी सरकार ने भारत को दुनिया का खिलौना हब बनाने की घोषणा की है.
दुनिया में कितना बड़ा है खिलौने का बाजार
अभी पूरी दुनिया में करीब 105 बिलियन अमेरिकी डॉलर (8 लाख करोड़ रुपये) का खिलौना बाजार है. वहीं अब 2025 में दुनिया भर में खिलौना बाजार बढ़कर 131 से 135 बिलियन डॉलर तक पहुंच सकता है. ऐसे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दुनिया के खिलौना बाजार पर भारत का कब्जा जमाने के इरादे से देश को खिलौने का ग्लोबल हब बनाने की घोषणा बजट में कराया है. ताकि दुनिया के बढ़ते खिलौना बाजार का भारत भी फायदा उठा सके और वह चीन के वर्चस्व को चुनौती दे सके.
अभी इतने खिलौने का निर्यात-आयात करता है भारत
भारत सरकार के वित्त मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, विश्व के कुल खिलौना बाजार में भारत का खिलौना निर्यात 2023-24 में करीब 15 करोड़ अमेरिकी डॉलर का रहा है. वहीं अकेले भारत में खिलौना बाजार करीब 16 हजार करोड़ रुपये का है. इनमें केवल 25 प्रतिशत खिलौने स्वदेशी हैं. बाकी खिलौनों का आयात चीन जैसे देशों से किया जाता है.
अब बजट 2025 में भारत के इस घोषणा से अपने देश के बाजार में भी स्वदेशी खिलौने बढ़ाने पर फोकस किया गया है. अभी 70 प्रतिशत खिलौनों का भारत में आयात चीन से ही होता है. लेकिन अब वह दिन दूर नहीं, जब देश में पूरी तरह से स्वदेशी खिलौने बिकने लगेंगे. इतना ही नहीं, दुनिया भर के बाजारों में चीन के खिलौना बाजार को भारत चुनौती देगा.
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