भारत सेमीकंडक्टर सेक्टर में तेजी से आगे बढ़ रहा है. अगले पांच वर्षों में भारत में इस मार्केट की तस्वीर बदलने जा रही है. भारत इतने समय में सेमीकंडक्टर मार्केट का किंग बन सकता है. भारत के बढ़ते कदम से इस सेक्टर के अभी तक धाक जमाए बैठे अमेरिका और चीन को कड़ी टक्कर मिलेगी. सेमीकंडक्टर छोटे इलेक्ट्रॉनिक पुर्जे होते हैं. ये कंप्यूटर, मोबाइल और दूसरे इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों में इस्तेमाल होते हैं.
कितना हो जाएगा सेमीकंडक्टर मार्केट ?
अगले पांच वर्षों में भारत का सेमीकंडक्टर मार्केट 103.4 अरब डॉलर (90 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा) तक पहुंचने वाला है. यह एक बहुत बड़ी रकम है. इसका मतलब है कि भारत में सेमीकंडक्टर की मांग बहुत ज्यादा बढ़ेगी. यह जानकारी इंडियन इलेक्ट्रॉनिक्स एंड सेमीकंडक्टर एसोसिएशन की ‘इंडिया सेमीकंडक्टर मार्केट रिपोर्ट 2030’ में दी गई है. इस बढ़ते बाजार से 400 अरब डॉलर से ज्यादा के इलेक्ट्रॉनिक्स मार्केट को भी ताकत मिलेगी. बता दें कि वर्ष 2024-25 में भारत में सेमीकंडक्टर की खपत 52 अरब डॉलर की थी. अब 2030 तक इस मार्केट के 13 प्रतिशत की सालाना दर से बढ़ने की उम्मीद है. मतलब हर साल यह मार्केट पहले से 13 प्रतिशत बड़ा होता जाएगा.
इन सेक्टर में भी बढ़ेंगी संभावनाएं
ऑटोमोबाइल और इंडस्ट्रियल इलेक्ट्रॉनिक्स जैसे सेक्टर में काफी संभावनाएं हैं. लेकिन, मोबाइल फोन, IT और औद्योगिक उपयोग अभी भी सबसे ज्यादा कमाई वाले सेक्टर हैं. इन तीनों से करीब 70 प्रतिशत कमाई होती है. IESA के अध्यक्ष अशोक चंदक ने कहा, ‘सरकारी नीतियां सेमीकंडक्टर के डिजाइन और निर्माण को बढ़ावा देने में बड़ी भूमिका निभाएंगी.’ सरकार की फैब और OSAT के लिए प्रोत्साहन योजनाएं, R&D में निवेश और उद्योगों के बीच सहयोग भारत के सेमीकंडक्टर क्षेत्र को आगे बढ़ाने में मदद करेंगे। पिछले वर्ष कंपनियों ने 21 अरब डॉलर से ज्यादा के प्रोजेक्ट में निवेश का वादा किया है.
रिपोर्ट में दिए गए सुझाव
रिपोर्ट में भारत के सेमीकंडक्टर लक्ष्यों को हासिल करने के लिए कुछ सुझाव भी दिए गए हैं. इसमें इंडिया सेमीकंडक्टर मिशन को 10 अरब डॉलर के शुरुआती बजट से आगे बढ़ाने और डीएलआई योजना में कुछ बदलाव करने की बात कही गई है. रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग PLI के तहत 2025-26 तक 25 प्रतिशत और 2030 तक 40 प्रतिशत स्थानीय उत्पादों का इस्तेमाल करने का लक्ष्य रखना चाहिए. इससे देश में ही ज्यादा सामान बनेगा और रोजगार भी बढ़ेगा. यह सेमीकंडक्टर सेक्टर के विकास के लिए बहुत जरूरी है.