चीन से आगे रहेगा भारत! IMF ने बढ़ाया भारत के GDP ग्रोथ का अनुमान

Raginee Rai
Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)

Indian Economy: इंटरनेशनल मॉनिटरी फंड (IMF) ने 2024 के लिए भारत के सकल घरेलू उत्‍पाद यानी जीडीपी ग्रोथ के अनुमान को बढ़ाकर 6.8 प्रतिशत कर दिया है. बता दें कि इससे पहले जनवरी में आईएमएफ ने भारत की जीडीपी ग्रोथ का अनुमान 6.5 प्रतिशत लगाया था. IMF का कहना है कि भारत में घरेलू मांग लगातार मजबूत बनी हुई है. साथ ही, नौजवान आबादी भी बढ़ रही है, जो काम करके GDP ग्रोथ बढ़ाएंगे. यह आंकड़ा आरबीआई के 7 प्रतिशत वृद्धि से बेशक कम है लेकिन आईएमएफ के पिछले अनुमान से 30 आधार अंक ज्यादा है.

चीन से आगे रहेगा भारत

आईएमएफ का कहना है कि 6.8 प्रतिशत की ग्रोथ के साथ भारत दुनिया की सबसे तेज रफ्तार से बढ़ने वाली इकोनॉमी बना रहेगा. वहीं, इस दौरान पड़ोसी देश चीन की इकोनॉमी 4.6 प्रतिशत की दर से बढ़ेगी. इसके अलावा IMF ने कहा कि भारत की वित्‍त वर्ष 2024-25 में जीडीपी ग्रोथ 6.8 प्रतिशत और वित्‍त वर्ष 2025-26  में 6.5 प्रतिशत हो सकती है. भारत में घरेलू मांग लगातार दमदार बनी हुई है. साथ ही, कामकाजी उम्र वाले लोगों की संख्या भी तेजी से बढ़ रही है. ‘

सुस्त पड़ी ड्रैगन की रफ्तार

अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष का कहना है कि चीन की अर्थव्यवस्था की रफ्तार सुस्त पड़ रही है. आईएमएफ के अनुसार, 2024 में चीन की जीडीपी ग्रोथ 4.6 फीसदी रहेगी. वहीं, 2025 में चीन की वृद्धि दर घटकर 4.1 प्रतिशत तक आ सकता है.

आईएमएफ का मानना है कि चीन अभी कोरोना के झटके से पूरी तरह उबरा नहीं है. इसके साथ ही, उसका प्रॉपर्टी सेक्टर में भी मंदी देखा जा रहा है. यदि ग्लोबल इकोनॉमिक ग्रोथ की बात करें, तो वर्ष 2023 की तरह ही वर्ष 2024 और 2025 में भी इसके 3.2 प्रतिशत रहने का अनुमान है. IMF में चीफ इकोनॉमिस्ट पियरे-ओलिवियर गौरींचस के अनुसार, नीति निर्माताओं को ऐसे उपाय करने होंगे, जिससे सरकार का राजस्व बढ़े, साथ ही आर्थिक विकास की संभावनाएं भी बेहतर हों. गौरींचस ने कहा कि निराशाजनक अनुमानों के बावजूद वैश्विक अर्थव्यवस्था लचीली बनी हुई है. फिलहाल, किसी बड़े संकट की कोई आशंका नहीं है.

आईएमएफ ने वित्त वर्ष 2024 के लिए भारत का जीडीपी ग्रोथ अनुमान 7.8 प्रतिशत कर दिया है, जो जनवरी की उसकी रिपोर्ट में 6.7 प्रतिशत था. उसे लगता है कि वित्त वर्ष 2026 में वृद्धि धीमी होकर 6.5 प्रतिशत रह जाएगी, जो जनवरी के अपडेट में दी गई है. राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय के दूसरे अग्रिम अनुमान के मुताबिक वित्‍त वर्ष 2023-24 के दौरान जीडीपी की वृद्धि दर 7.6 प्रतिशत रहने का अनुमान है, जबकि वित्‍त वर्ष 2022-23 में यह दर 7 प्रतिशत थी.

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