भारतीय अर्थव्यवस्था ने नवंबर में दिखाया दम, व्यापार गतिविधियां 3 महीने के उच्चतम स्तर पर

Shivam
Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)
भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए नवंबर का महीना खास साबित हुआ. सर्विस सेक्टर और रोजगार सृजन में बेहतरीन वृद्धि के कारण देश की व्यापार गतिविधियां तीन महीने के शिखर पर पहुंचीं. एचएसबीसी और एसएंडपी ग्लोबल की ताजा रिपोर्ट्स के मुताबिक, यह प्रदर्शन देश के आर्थिक स्थायित्व और बढ़ती मांग का स्पष्ट संकेत है.

सर्विसेज में देखी गई वृद्धि- प्रांजुल भंडारी

एचएसबीसी में चीफ इंडिया इकोनॉमिस्ट, प्रांजुल भंडारी ने कहा, सर्विसेज में वृद्धि देखी गई, जबकि मैन्युफैक्चरिंग क्षेत्र अक्टूबर के अंत में पीएमआई रीडिंग में मामूली मंदी के बावजूद उम्मीदों से बेहतर प्रदर्शन करने में कामयाब रहा। एसएंडपी ग्लोबल द्वारा संकलित एचएसबीसी का फ्लैश इंडिया कंपोजिट परचेजिंग मैनेजर्स इंडेक्स (पीएमआई) अक्टूबर में 59.1 से बढ़कर नवंबर में 59.5 हो गया, जो दर्शाता है कि आर्थिक गतिविधि का विस्तार जारी है।

नवंबर में पीएमआई 58.5 से बढ़कर 59.2 हो गया

जब भी पीएमआई 50 से ऊपर होती है तो यह बढ़त को दर्शाता है। वहीं, अगर यह 50 से कम होता है तो गिरावट को दिखाता है। सर्विस सेक्टर के लिए पीएमआई नवंबर में 58.5 से बढ़कर 59.2 हो गया, जो अगस्त के बाद से उच्चतम स्तर है। महीने के दौरान मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में भी विस्तार दर्ज किया गया, लेकिन विकास की गति थोड़ी धीमी रही। इस कारण मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर का पीएमआई 57.5 से घटकर 57.3 पर आ गया।
रिपोर्ट में बताया गया कि नौकरियों में बढ़त दिसंबर 2005 में सर्वे रिकॉर्ड किए जाने के बाद से सबसे अधिक है। यह आर्थिक स्थिति और उपभोक्ताओं के खर्च करने की क्षमता के लिए एक सकारात्मक संकेत है। हालांकि, बढ़ती हुई महंगाई के कारण चिंताएं बनी हुई हैं। भंडारी ने आगे कहा कि मैन्युफैक्चरर्स की ओर से इस्तेमाल किए जाने वाले कच्चे माल के साथ-साथ सर्विस सेक्टर में भोजन और मजदूरी की लागत पर मूल्य दबाव बढ़ रहा है। RBI के नवंबर बुलेटिन के मुताबिक, भारत का निर्यात आउटलुक सकारात्मक है। इसकी वजह मुख्य मैन्युफैक्चरिंग उत्पादों के वैश्विक व्यापार में देश की हिस्सेदारी बढ़ना है।

ये भी पढ़ें :- Tahawwur Rana ने भारत प्रत्यर्पण के खिलाफ अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट का किया रूख, सभी निचली अदालतों से मिली हार

Latest News

अमेरिकी बाजारों में अपनी हिस्सेदारी बढ़ाने का प्रयास कर रही भारतीय फार्मा कंपनियां: Report

भारतीय फार्मा कंपनियां (Indian pharma companies) वर्तमान में 145 अरब डॉलर वैल्यू के अमेरिकी ऑन्कोलॉजी जेनेरिक्स बाजार (US Oncology...

More Articles Like This

Exit mobile version