मार्केट इंटेलिजेंस प्लेटफॉर्म ट्रैक्सन की ओर से मंगलवार को जारी किए गए रिपोर्ट के अनुसार, भारत का फिनटेक स्टार्टअप (fintech startup) इकोसिस्टम फंडिंग जुटाने में 2025 की पहली तिमाही में अमेरिका और यूके के बाद तीसरे नंबर पर रहा है. रिपोर्ट के अनुसार, इस सेक्टर में ज्यादातर फंडिंग लेट-स्टेज राउंड में देखी गई है. जनवरी से मार्च की अवधि में लेट-स्टेज राउंड में फंडिंग 47% बढ़कर 227 मिलियन डॉलर हो गई है, जो कि 2024 की चौथी तिमाही में 154 मिलियन डॉलर थी. 2025 की पहली तिमाही में फिनटेक स्टार्टअप्स को कुल 366 मिलियन डॉलर की फंडिंग मिली है.
मार्च में कंपनियों ने सबसे अधिक 187 मिलियन डॉलर जुटाए हैं, जो कि हासिल की गई कुल फंडिंग का 51% है. भारतीय अर्थव्यवस्था को विकास दर में नरमी, अमेरिका द्वारा लगाए गए टैरिफ, वैश्विक व्यापार तनाव और बढ़ती मुद्रास्फीति का सामना करना पड़ा है, जिससे वेंचर कैपिटल प्रवाह हतोत्साहित हुआ. इन चुनौतियों के बावजूद, भारत की जीडीपी ग्रोथ वित्त वर्ष 25 में 6.5% रहने का अनुमान है.
रिपोर्ट में बताया गया कि सिंगापुर, नेपाल और श्रीलंका जैसे देशों में यूपीआई की बढ़ती स्वीकृति भारतीय फिनटेक कंपनियों के लिए विदेशों में ऑपरेशंस का विस्तार करने और इस सेक्टर में अधिक कैपिटल आकर्षित करने का एक अच्छा अवसर देती है. इस सेक्टर में कुछ विशेष सेगमेंट में मजबूत वृद्धि देखी गई, जिसमें बैंकिंग टेक, इंटरनेट-फर्स्ट इंश्योरेंस प्लेटफॉर्म और इन्वेस्टमेंट टेक 2025 की पहली तिमाही में टॉप परफॉर्मर के रूप में उभरे हैं.
रिपोर्ट में बताया गया कि 2025 की पहली तिमाही में बैंकिंग टेक को सबसे अधिक 108 मिलियन डॉलर की फंडिंग मिली है. इसमें 2024 की पहली तिमाही में मिली 99 मिलियन डॉलर की फंडिंग के मुकाबले 9% का इजाफा हुआ है. ट्रैक्सन की सह-संस्थापक नेहा सिंह ने कहा, बाजार में उतार-चढ़ाव के बावजूद भारतीय फिनटेक सेक्टर की ग्रोथ जारी है. हालांकि, फंडिंग के स्तर में गिरावट आई है, लेकिन इंडस्ट्री की लंबी अवधि में विकास करने की क्षमता मजबूत बनी हुई है. रिपोर्ट के अनुसार, जनवरी से मार्च की तिमाही में 10 अधिग्रहण हुए हैं.
2024 की पहली तिमाही में यह संख्या 6 और 2024 की आखिरी तिमाही में 5 थी. 2025 की पहली तिमाही के दौरान जुटाई गई कुल फिनटेक फंडिंग में बेंगलुरु सबसे आगे रहा, जिसके बाद गुरुग्राम और मुंबई का स्थान था.