वित्त वर्ष 2025 में भारत सरकार ने स्मार्टफोन निर्यात को 20 बिलियन डॉलर तक पहुंचाने का लक्ष्य रखा है, जो पिछले वित्त वर्ष में 15 बिलियन डॉलर था. इसमें Apple का योगदान करीब 10 बिलियन डॉलर था. उद्योग के आंकड़ों के मुताबिक, वित्त वर्ष 2025 (FY25) के नवंबर तक स्मार्टफोन निर्यात 12 बिलियन डॉलर से अधिक हो चुका है. दिसंबर के आंकड़े अभी आने बाकी हैं, लेकिन उम्मीद जताई जा रही है कि 20 बिलियन डॉलर का आंकड़ा इस वित्त वर्ष में हासिल किया जाएगा. कैलेंडर वर्ष 2024 में Apple का निर्यात 12.8 बिलियन डॉलर तक पहुंच गया है और यह आंकड़ा वित्त वर्ष 2025 में और बढ़ने की संभावना है, जो 31 मार्च को समाप्त होगा.
दो वर्षों की गिरावट के बाद विकास की ओर लौटेगा स्मार्टफोन बाजार
काउंटरपॉइंट रिसर्च के मुताबिक, वैश्विक स्मार्टफोन बाजार 2024 में दो वर्षों की गिरावट के बाद विकास की ओर लौटेगा. 2024 में वैश्विक स्मार्टफोन की बिक्री में 4 प्रतिशत की वृद्धि का अनुमान है, क्योंकि व्यापक आर्थिक सुधारों के बाद उपभोक्ता भावना में सुधार हुआ है. 2023 में स्मार्टफोन की बिक्री एक दशक में सबसे कम रही थी. अप्रैल 2020 में भारत ने स्मार्टफोन उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन (PLI) योजना की घोषणा की थी, जिसके बाद वह दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा मोबाइल फोन उत्पादक बन गया.
वित्त वर्ष 2024 में भारत में 4.10 लाख करोड़ रुपये के मोबाइल फोन का उत्पादन हुआ. स्मार्टफोन पीएलआई योजना के तहत 10 कंपनियों (पांच वैश्विक और पांच स्थानीय) को कुल 40,951 करोड़ रुपये की छूट दी गई थी, जिसे बाद में घटाकर 38,601 करोड़ रुपये कर दिया गया. इस योजना की सफलता मुख्य रूप से Apple के अनुबंध निर्माताओं फॉक्सकॉन, टाटा (विस्ट्रॉन) और पेगाट्रॉन, साथ ही सैमसंग द्वारा संचालित की गई है. भारतीय कंपनियों में से केवल डिक्सन टेक्नोलॉजीज ही लक्ष्य पूरा कर रही है और रियायतें पा रही है.
महिलाओं के लिए रोजगार जनरेटर बना मोबाइल फोन उद्योग
इस योजना के तहत मोबाइल फोन उद्योग ने करीब 300,000 प्रत्यक्ष और 600,000 अप्रत्यक्ष नौकरियां पैदा की हैं और यह महिलाओं के लिए सबसे बड़ा रोजगार जनरेटर और कौशल स्रोत बन गया है. Apple के लिए यह योजना की सबसे बड़ी सफलता साबित हुई है. क्यूपर्टिनो स्थित कंपनी ने 15-20 प्रतिशत स्थानीय मूल्य संवर्धन हासिल किया है और इसका घरेलू उत्पादन 2024 में 17.5 बिलियन डॉलर (1.48 लाख करोड़ रुपये) तक पहुंच गया है. यदि यह गति बनी रहती है, तो Apple अगले कुछ वर्षों में 30 बिलियन डॉलर का वार्षिक उत्पादन हासिल कर सकता है, जिससे iPhone उत्पादन इकोसिस्टम में भारत की हिस्सेदारी 14 प्रतिशत से बढ़कर 26 प्रतिशत तक पहुंच जाएगी.