नैसकॉम की सोमवार को जारी एक लेटेस्ट रिपोर्ट में कहा गया है कि भारतीय टेक्नोलॉजी इंडस्ट्री वित्त वर्ष 2026 में 300 बिलियन डॉलर का राजस्व प्राप्त कर सकती है. साथ ही कहा गया है कि चालू वित्त वर्ष (अनुमानित) में इंडस्ट्री कम से कम 1,26,000 नए कर्मचारियों को भर्ती करेगी, जिससे कुल कार्यबल 5.8 मिलियन हो जाएगा. वैश्विक आर्थिक पैटर्न और बाजार की गतिशीलता में बदलाव के बीच, चालू वित्त वर्ष रणनीतिक लचीलेपन का वर्ष रहा है, जिसमें इंजीनियरिंग आरएंडडी और जीसीसी जैसे क्षेत्रों ने भारत में टेक्नोलॉजी इंडस्ट्री के विकास को गति दी है.
आईटी इंडस्ट्री के शीर्ष निकाय द्वारा ‘वार्षिक रणनीतिक समीक्षा 2025’ के मुताबिक, 5.1% की दर से वृद्धि करते हुए, टेक इंडस्ट्री ने 13.8 बिलियन डॉलर का अतिरिक्त राजस्व जोड़ा, जिससे वित्त वर्ष 2025 (अनुमानित) में कुल इंडस्ट्री राजस्व (हार्डवेयर सहित) 282.6 बिलियन डॉलर से अधिक हो गया. घरेलू तकनीकी खर्च में निरंतर वृद्धि से प्रेरित भारत की डिजिटल अर्थव्यवस्था ने लगातार दूसरे वर्ष निर्यात वृद्धि को पीछे छोड़ दिया, जिसमें घरेलू तकनीकी राजस्व ने वित्त वर्ष 24 से 7 प्रतिशत वार्षिक वृद्धि दर्ज की.
रिपोर्ट में बताया गया है कि डेटा सेंटर क्षमता में 21% की वृद्धि के साथ-साथ एंटरप्राइज सॉफ्टवेयर और क्लाउड सॉल्यूशन को अपनाने में वृद्धि ने इस गति को और आगे बढ़ाया है, जिससे निवेश में वृद्धि हुई है. नैसकॉम की अध्यक्ष सिंधु गंगाधरन ने कहा, उन्नत एआई कार्यान्वयन, एजेन्टिक एआई का उदय व्यवसाय मॉडल को बाधित कर रहा है और मूल्य और परिवर्तन के लिए हब के रूप में जीसीसी की बढ़ती परिपक्वता उद्योग में बदलाव ला रही है.
जैसे-जैसे तकनीक वैश्विक भू-राजनीति और व्यापार गतिशीलता के साथ गहराई से जुड़ती जा रही है, उद्यमों को कार्यबल के भीतर तकनीकी कौशल परिवर्तन को प्राथमिकता देनी चाहिए. उन्होंने कहा, लचीले संगठनों का निर्माण और डिजिटल ट्रस्ट में निवेश इन रुझानों को आकार देने और तकनीकी उद्योग के दीर्घकालिक विकास को बनाए रखने के लिए महत्वपूर्ण होगा. व्यापक डिजिटल अर्थव्यवस्था अब सकल घरेलू उत्पाद में अनुमानित 12% का योगदान देती है, जिसमें डिजिटल सार्वजनिक अवसंरचना 1% मूल्य वृद्धि जोड़ती है.