भारत ने 2024 में ऊर्जा क्षेत्र में उल्लेखनीय प्रगति की, जिसमें रिकॉर्ड-तोड़ 250 गीगावाट पीक पावर डिमांड शामिल है. डेलॉइट इंडिया के पार्टनर अनुजेश द्विवेदी (Anujesh Dwivedi) ने बिजनेसलाइन के स्टेट ऑफ इकॉनमी पॉडकास्ट में इस वर्ष की उपलब्धियों और आगामी चुनौतियों पर चर्चा की. भारत ने 30 गीगावॉट नई उत्पादन क्षमता जोड़कर 2030 तक 500 गीगावॉट गैर-फॉसिल फ्यूल-आधारित ऊर्जा लक्ष्य की दिशा में बड़ा कदम उठाया है.
नवीकरणीय ऊर्जा की बढ़ती हिस्सेदारी
नवीकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना जैसी नीतियां घर-घर बिजली पहुंचाने में सफल रही हैं. उन्होंने ऊर्जा वितरण कंपनियों (डिस्कॉम) की वित्तीय समस्याओं और गैस-आधारित संयंत्रों के कम उपयोग पर चिंता जताई. उन्होंने बताया कि नवीकरणीय ऊर्जा की बढ़ती हिस्सेदारी के साथ ग्रिड स्थिरता और ट्रांसमिशन नेटवर्क को मजबूत बनाने की आवश्यकता है.
2025 के प्रमुख रुझान
-
PLI योजना के तहत सोलर पैनल निर्माण को बढ़ावा.
-
निजी क्षेत्र की भागीदारी में वृद्धि.
-
ट्रांसमिशन बाधाओं को दूर करने के सरकारी प्रयास.
-
रूफटॉप सोलर योजना जैसी परियोजनाओं की सफलता.
-
ऊर्जा परिवर्तन की दिशा में भारत का सफर
2024 में भारत ने ऊर्जा क्षेत्र में बड़ी उपलब्धियां हासिल कीं, लेकिन चुनौतियां अभी भी बनी हुई हैं. इस क्षेत्र में तेजी से हो रहे बदलावों के बीच, नीति निर्माताओं और निजी क्षेत्र की भागीदारी आने वाले समय में ऊर्जा क्षेत्र की सफलता की कुंजी होगी.
इसे भी पढें:- Russia-Ukraine war: रूस-यूक्रेन के बीच हुई कैदियों की अदला-बदली, दोनों देशों से रिहा हुए कई सैनिक