दो वर्ष में दोगुना हुआ भारत का कॉफी निर्यात, Global Ranking में 7वां सबसे बड़ा उत्पादक बना देश

Shivam
Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)

भारतीय कॉफी की डिमांड पूरी दुनिया में तेजी से बढ़ रही है. निर्यात के आंकड़े इसकी तस्दीक करते हैं. इससे मालूम चलता है कि कॉफी उत्पादकों की आय में भी इजाफा हुआ है. भारत अब वैश्विक स्तर पर सातवां सबसे बड़ा कॉफी उत्पादक है, जिसका निर्यात वित्त वर्ष 2023-24 में 1.29 बिलियन डॉलर तक पहुंच गया है. यह 2020-21 के 719.42 मिलियन डॉलर से लगभग दोगुना है. देश में सर्वाधिक उत्पादन कर्नाटक, केरल और तमिलनाडु में हो रहा है.

वहीं, वैश्विक स्तर पर कॉफी उत्पादन में भारत 7वें नंबर पर पहुंच गया है. कॉफी उत्पादन को बढ़ाने और बढ़ती घरेलू और अंतरराष्ट्रीय मांग को पूरा करने के लिए भारतीय कॉफी बोर्ड ने कई महत्वपूर्ण पहल शुरू की हैं. वाणिज्‍य एवं उद्योग मंत्रालय के मुताबिक, भारतीय कॉफी अब दुनिया भर में खूब पसंद की जाती है. भारत अब वैश्विक स्तर पर 7वां सबसे बड़ा कॉफ़ी उत्पादक है, जिसका निर्यात वित्त वर्ष 2023-24 में 1.29 बिलियन डॉलर तक पहुंच गया है.

रोस्टेड और इंस्टेंट कॉफी का निर्यात सर्वाधिक

भारतीय कॉफी के अनूठे स्वाद और लगातार बढ़ती मांग से भारत के कॉफी निर्यात में उल्लेखनीय बढ़ोत्तरी हुई है. जनवरी 2025 की पहली छमाही में भारत ने इटली, बेल्जियम और रूस सहित शीर्ष खरीदारों के साथ 9300 टन से अधिक कॉफी का निर्यात किया. भारत के कॉफी उत्पादन का लगभग तीन-चौथाई हिस्सा अरेबिका और रोबस्टा किस्म की कॉफी से होता है. इन्हें मुख्य रूप से बिना भुने बीन्स के रूप में निर्यात किया जाता है. हालांकि, भुनी हुई (रोस्टेड) और इंस्टेंट कॉफी जैसे उत्पादों की मांग बढ़ने से निर्यात में तेजी आई है.

कॉफी की घरेलू खपत में भारी उछाल

कैफे संस्कृति के बढ़ने, अधिक खर्च करने योग्य आय और चाय की तुलना में कॉफी को प्राथमिकता के चलते भारत में कॉफी की खपत भी लगातार बढ़ रही है. यह प्रवृत्ति शहरी और ग्रामीण दोनों क्षेत्रों में देखी गई है. कॉफी की घरेलू खपत 2012 में 84000 टन से बढ़कर 2023 में 91000 टन हो गई है. यह बढ़ोत्तरी कॉफी के शौकीन लोगों की बढ़ती मांग को दर्शाती है, क्योंकि दैनिक जीवन में कॉफी एक अभिन्न अंग बन गई है.

केरल में सर्वाधिक कॉफी उत्पादन

भारत की कॉफी मुख्य रूप पश्चिमी और पूर्वी घाटों में उगाई जाती है, जो अपनी जैव विविधता के लिए प्रसिद्ध क्षेत्र हैं. कर्नाटक कॉफी उत्पादन में सबसे आगे है, जिसने 2022-23 में 248,020 टन कॉफी उत्पादन का योगदान दिया. इसके बाद केरल ने 73 हजार टन और तमिलनाडु ने 19 हजार टन से अधिक का उत्पादन में योगदान दिया है. ये क्षेत्र छायादार बागानों का घर हैं जो न केवल कॉफी उद्योग की मदद करते हैं बल्कि प्राकृतिक पर्यावरण को संरक्षित करने में भी अहम भूमिका निभाते हैं.

भारत वैश्विक रैंकिंग में 7वें नंबर पर

दुनियाभर में सबसे ज्यादा कॉफी उत्पादन करने वाले देशों में भारत 7वें नंबर पर है. अमेरिकी एग्रीकल्चर विभाग (USDA) के अनुसार 2023-24 के दौरान दुनियाभर में कॉफी का कुल 39% उत्पादन ब्राजील करता है और वह नंबर वन पोजीशन पर है. वैश्विक रैंकिंग में 16% उत्पादन के साथ नियतनाम दूसरे नंबर पर है और कोलंबिया तीसरे स्थान पर है. जबकि, इथियोपिया और इंडोनेशिया 5-5% उत्पादन के साथ चौथे और 5वें स्थान पर है. 4-4% उत्पादन के साथ युगांडा छठे और भारत 7वें स्थान पर है. 3% के साथ होंडुरास आठवें और 2-2% कॉफी उत्पादन के साथ पेरू नवें और मेक्सिको 10वें स्थान पर हैं.

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