भारत की कॉफी इंडस्ट्री में तेजी से हो रहा बदलाव, अब स्पेशलिटी ब्रू और एडवांस्ड होम ब्रूइंग तकनीकों की ओर बढ़ रहे उपभोक्ता

Shivam
Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)
भारत की कॉफी इंडस्ट्री में तेजी से बदलाव देखने को मिल रहा है. उपभोक्ता अब पारंपरिक इंस्टेंट कॉफी की बजाय स्पेशलिटी ब्रू और एडवांस्ड होम ब्रूइंग तकनीकों की ओर बढ़ रहे हैं. विशेषज्ञों का कहना है कि यह बदलाव बढ़ती आय, वैश्विक प्रभाव और स्वाद व गुणवत्ता को लेकर बढ़ती जागरूकता के कारण हो रहा है. खासतौर पर शहरी क्षेत्रों में उपभोक्ता अब सिंगल-ऑरिजिन बीन्स और आर्टिज़नल ब्रूइंग तकनीकों को प्राथमिकता दे रहे हैं.
एक कॉफी विशेषज्ञ के मुताबिक, “लोग अब अपनी कॉफी की ब्रूइंग प्रक्रिया को नियंत्रित करना चाहते हैं, जिससे वे स्वाद और ताजगी पर ध्यान केंद्रित कर सकें.” भारत के महानगरों में कॉफी बनाने की आधुनिक मशीनों की मांग तेजी से बढ़ रही है. पूरी तरह स्वचालित, कॉम्पैक्ट मशीनें जो कैफे-स्टाइल कॉफी बनाती हैं, उपभोक्ताओं के बीच लोकप्रिय हो रही हैं. कॉस्टार कॉस्मो टीम के अनुसार, “उपभोक्ता ऐसी मशीनों में निवेश करने के लिए तैयार हैं, जो पेशेवर स्किल्स के बिना भी कैफे-क्वालिटी कॉफी दे सकें.”
एक हालिया मिंटेल रिपोर्ट के मुताबिक, 73 प्रतिशत कॉफी उपभोक्ताओं का मानना है कि सांस्कृतिक विविधता किसी ब्रांड की विश्वसनीयता को बढ़ाती है. विशेषज्ञों का यह भी कहना है कि जेन जेड उपभोक्ता व्यक्तिगत प्रचार से ज्यादा सामूहिक ज्ञान पर भरोसा करते हैं. भारत की कॉफी इंडस्ट्री में यह बदलाव आने वाले वर्षों में और भी तेज हो सकता है, जिससे घरेलू और वैश्विक बाजार में भारतीय कॉफी की मांग और बढ़ने की उम्मीद है.

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