भारत का कमर्शियल रियल एस्टेट वैश्विक व्यापार तनाव के बावजूद मजबूत: Report

Shivam
Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)
एशिया-प्रशांत क्षेत्र (Asia Pacific region) को लेकर बुधवार को जारी कुशमैन एंड वेकफील्ड की रिपोर्ट के मुताबिक, कमर्शियल रियल एस्टेट (Commercial Real Estate) के लिए ऑक्यूपायर और निवेशक की मांग में तेजी बनी हुई है. रिपोर्ट के मुताबिक, भारत, इंडोनेशिया और फिलीपींस जैसे प्रमुख बाजारों में ऑफिस स्पेस अब्सोर्प्शन जारी है. रिपोर्ट में बताया गया है कि 2025 की पहली तिमाही में एशिया-प्रशांत (APAC) में ऑफिस स्पेस का नेट अब्सोर्प्शन पिछले साल की इसी तिमाही के 22 मिलियन वर्ग फीट (MSF) से 20% बढ़कर 26 एमएसएफ हो गया.
अमेरिकी डॉलर की मजबूती और आकर्षक यील्ड एपीएसी रियल एस्टेट में वैश्विक पूंजी प्रवाह को बढ़ा रहे हैं. यह पूंजी प्रवाह विशेष रूप से लॉजिस्टिक्स, डेटा सेंटर और मल्टीफैमिली जैसे सेक्टर में दर्ज किया गया है. रिपोर्ट के मुताबिक, ब्याज दरों में गिरावट से Commercial Real Estate Sector में निवेश को भी बढ़ावा मिलेगा.
टैरिफ की स्थिति में बदलाव और संभावित व्यापार युद्धों के कारण अमेरिका को निर्यात करने वाले मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर सबसे अधिक जोखिम में हैं. व्यापार तनाव जारी रहने के बावजूद इसके सप्लाई चेन में हो रहे डायवर्सिफिकेशन से दक्षिण पूर्व एशिया और भारत में औद्योगिक केंद्रों को लाभ मिल रहा है. रिपोर्ट में बताया गया है कि निर्माता अपनी सप्लाई चेन के डिजाइन का मूल्यांकन करना जारी रखेंगे और अनुकूलन के लिए आगे के अवसरों की तलाश करेंगे.
रिपोर्ट में कहा गया है कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के दूसरे कार्यकाल के पहले 100 दिनों के दौरान सख्त नीतिगत बदलावों ने वैश्विक बाजारों में अस्थिरता की स्थिति पैदा कर दी है. इन बढ़ती वैश्विक आर्थिक अनिश्चितताओं के बावजूद, एशिया-प्रशांत की अर्थव्यवस्था और संपत्ति बाजार घरेलू चालकों और मजबूत बाजार बुनियादों के आधार पर मजबूती प्रदर्शित कर रहे हैं.
कुशमैन एंड वेकफील्ड में अंतर्राष्ट्रीय अनुसंधान के प्रमुख डोमिनिक ब्राउन ने कहा, जोखिम स्पष्ट रूप से बढ़े हुए हैं, हालांकि, ऐतिहासिक रुझान बताते हैं कि एशिया-प्रशांत के संपत्ति बाजार तेजी से वापसी करने के लिए अच्छी स्थिति में हैं. इसलिए, ऑक्यूपायर्स और निवेशकों को फुर्ती दिखाते हुए अपनी रणनीतियों को जल्दी से एडजस्ट करना जरूरी है ताकि सुधार की लहर आने पर वे उसका लाभ उठा सकें.
–आईएएनएस

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