यूएन वर्ल्ड इकोनॉमिक सिचुएशन एंड प्रोसपेक्ट्स रिपोर्ट-2025 के मुताबिक, भारत की अर्थव्यवस्था 2025 में 6.6 प्रतिशत की दर से वृद्धि करने की उम्मीद है. यह वृद्धि 2024 में अनुमानित 6.9 प्रतिशत के विस्तार के बाद आएगी. रिपोर्ट में कहा गया है कि उपभोग, निवेश और सेवा और कुछ निर्मित मालों के निर्यात में वृद्धि के कारण भारत की अर्थव्यवस्था में सकारात्मक गतिविधि देखी जाएगी.
रिपोर्ट में दक्षिण एशिया के लिए आर्थिक दृष्टिकोण भी मजबूत बताया गया है. इस क्षेत्र का सकल घरेलू उत्पाद 2025 में 5.7 प्रतिशत बढ़ने का अनुमान है, जो 2024 में 5.9 प्रतिशत था. इस वृद्धि का मुख्य कारण भारत की मजबूती और भूटान, नेपाल, पाकिस्तान और श्रीलंका में रिकवरी है. हालांकि, रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि बाहरी मांग में मंदी, ऋण संकट और दक्षिण एशिया के कुछ हिस्सों में सामाजिक अशांति के कारण आर्थिक दृष्टिकोण पर कुछ जोखिम हो सकते हैं.
विकासशील देशों के लिए चुनौतियाँ
रिपोर्ट में यह भी बताया गया कि विकासशील देशों के लिए प्रौद्योगिकी, बुनियादी ढांचे और मानव पूंजी में निवेश करने के लिए वित्त जुटाना एक चुनौती बना हुआ है. इसके अलावा, हरित परिवर्तन और प्रौद्योगिकी के लाभ विकसित देशों में अधिक केंद्रित रह सकते हैं. विकसित देशों में मुद्रास्फीति दर 2023 में 4.8 प्रतिशत से घटकर 2024 में 2.6 प्रतिशत और 2025 में 2.2 प्रतिशत होने का अनुमान है, जबकि विकासशील देशों में मुद्रास्फीति अधिक धीरे-धीरे घटेगी.